मथुरा/पीलीभीत: जिले में विगत दिनों पूर्व हुई तेज बारिश के कारण लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा. इस बारिश से किसानों को भारी नुकसान हुआ. हालांकि, शासन ने निरीक्षण कराकर क्षतिपूर्ति का आश्वासन दिया. इसी क्रम में शनिवार को चौपट हुई फसलों का प्रशासन, बीमा कम्पनी, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विभाग के अधिकारी और कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी (Cabinet Minister Laxmi Narayan Chaudhary) ने छाता विधानसभा क्षेत्र में स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान कैबिनेट मंत्री ने कहा कि सभी का मत है कि फसल का 90 फीसदी से अधिक का नुकसान हुआ है. लिहाजा, अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि किसानों को हुए नुकसान का शीघ्र मुआवजा दिया जाए.
वहीं, पीलीभीत में भी उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने हेलीकॉप्टर से बाढ़ की चपेट में आने से फसलों के नुकसान का हवाई सर्वेक्षण किया. सर्वेक्षण के बाद कृषि मंत्री ने जल्द से जल्द बाढ़ से प्रभावित होने वाले किसानों तक मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया.
मथुरा में हुई झमाझम बारिश के कारण किसानों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा था. अधिकतर फसलें नष्ट हो गईं थी, जिसके बाद किसानों ने शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगाई थी. आपको बता दें कि कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कुछ दिन पूर्व किसानों को हुए नुकसान को लेकर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) को पत्र लिखा था. कहा था कि भारी वर्षा और तेज हवाओं के चलते धान की फसल जमीन पर गिरकर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है. आलू और सरसों की फसलें भी खेतों में पानी भर जाने के कारण पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है. आलू की बुआई के लिए प्रति एकड़ कृषि भूमि में 5 बोरी डीएपी और यूरिया की लागत आती है. ऐसे में फसलें नष्ट होने से किसानों की माली हालत अत्यंत दयनीय हो चुकी है.