मथुरा : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मथुरा (Mathura) जनपद के नौहझील थाना (Naujheel Police Station) क्षेत्र यमुना एक्सप्रेस-वे (Yamuna Expressway) पर गुरुवार की सुबह डबल डेकर बस ईटों से भरे ट्रॉले से टकरा गई. इस हादसे में बस में सवार 40 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए. बताया जा रहा है कि डबल डेकर बस कानपुर से नोएडा की ओर जा रही थी तभी अनियंत्रित होकर ट्रॉले से जा टकराई.
हादसा जनपद के नौझील थाना क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेस-वे पर माइल स्टोन संख्या 65 के पास हुई. घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा और घायलों को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां तीन लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है.
हादसे के बाद बस को क्रेन के जरिए हटाया गया एसपी देहात श्रीश चंद ने बताया गुरुवार की सुबह यमुना एक्सप्रेस वे पर डबल डेकर बस एक ट्रॉले से टकरा गयी. बस में करीब 50 यात्री सवार थे. जिसमें करीब 40 यात्रियों को ज्यादा सवारी गंभीर रूप से घायल हो गई. तत्काल मौके पर पहुंचकर पुलिस ने घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटना का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका मामले की जानकारी की जा रही है.
उत्तर प्रदेश में तेज रफ्तार का कहर जारी है. बीते दिनों 28 जुलाई को बाराबंकी में हुए बस हादसे में 19 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद इन हादसों पर रोक लगाने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए. ऐसे में आए दिन होने वाली सड़क दुर्घटनाएं अपने आप में एक बड़ा सवाल खड़ा कर रही हैं कि तमाम नियम कानून के बावजूद सड़क हादसों में हो रही बढ़ोतरी का आखिर क्या कारण है. कुछ आंकड़ें हैं जो चिंता बढ़ाने वाले हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से गत वर्ष 31 अगस्त को जारी किए गए आंकड़ों पर गौर करें तो सड़क हादसों में होने वाली कुल मौतों का 15 प्रतिशत हिस्सा उत्तर प्रदेश का है. यह एक बड़ी संख्या है. सभी राज्यों में, यूपी ने 2019 में सबसे ज्यादा मौतें सड़क दुर्घटनाओं में दर्ज की हैं. 2019 में उत्तर प्रदेश में 23,285 लोगों की मौत हुई थी.
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वहीं, आवारा पशुओं की एक्सप्रेस वे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर बेखौफ आवाजाही और नशे में ड्राइविंग उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों में होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण बनते हैं. यूपी में हर घंटे सड़क दुर्घटनाओं में औसतन तीन लोगों की मौतें होती हैं. यूपी में हर साल 35 हजार सड़क हादसे होते हैं. करीब 22 हजार लोगों की असमय मौत हो जाती है. 71 फीसदी हादसे चालक की लापरवाही से होते हैं. वहीं 37 फीसदी हादसे ओवर स्पीड से होते हैं.