मथुरा: सूबे में होने जा रहे आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में सभी सियासी पार्टियां जुट गई है. पिछले दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने वृंदावन पहुंचकर 101 से अधिक साधु-संतों के साथ भोजन कर उनका सम्मान किया था. वहीं, अब बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा पर वृंदावन पहुंचे, जहां उन्होंने एक हजार संतों को भोजन करा उनका सम्मान किया.
पत्रकारों से वार्ता के दौरान सतीश चंद्र मिश्र भाजपा पर हमलावर होते हुए नजर आए. उन्होंने कहा कि सरकार चुनावों से कुछ महीने पहले ही बिलों को वापस लेने की बात कर रही है, जबकि अब तक 800 से 1000 किसानों की आंदोलन के दौरान मृत्यु हो चुकी है. अभी भी यह लोग कृषि कानूनों को अच्छा बता रहे हैं, तो क्या यह दुबारा से कानून लाने का मन बना रहे हैं.
हम यहां साधु -संतों महात्माओं से मिलकर के उनका आशीर्वाद प्राप्त करके इसके बाद बांके बिहारी जी के दर्शन करके उनका आशीर्वाद लेकर के दीपोत्सव का कार्यक्रम करेंगे. इसी के लिए हम वृंदावन आए हैं क्योंकि इससे अच्छा और शुभ दिन हमकों इस कार्य के लिए नहीं मिल रहा था.
कार्तिक पूर्णिमा का पर्व है जो एक ऐसा पर्व है जिसमें कि हर व्यक्ति आस्था रखता है. ऐसे पर्व में वृंदावन आने का मुझे मौका मिला. इसके लिए मैं यहां पर आया हूं और आकर के यह कार्य किए.
वहीं, जब उनसे पूछा गया कि सरकार ने तीन कृषि कानून वापस ले लिए हैं तो उन्होंने कहा कि देखिए जब लगभग 900 किसानों की आंदोलन करते-करते मृत्यु हो गई वह लोग इसी आंदोलन में गर्मी, सर्दी और बरसात सब में धूप में भी हर तरीके से वह लोग आंदोलनरत रहे और यही कहते रहे, यह कानून गलत है. हम लोग भी और हमारी पार्टी बहुजन समाजवादी पार्टी भी पार्लियामेंट के अंदर भी यही कहते रहे और पार्लियामेंट के बाहर भी आंदोलन करते रहे और यह मांग करते रहे कि कानून को वापस लीजिए और जो मिनिमम प्राइस एमएसपी है उसको आप लागू करने का कार्य करिए.
आज तक कानून में एमएसपी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. अब इन काले कानूनों को जिन का विरोध किसान और पूरा राष्ट्र और देश के किसानों ने करके इतने लोगों ने अपनी इस आंदोलन में बलि दे दी. करीब 800 से 1000 किसान मर गए. उसके बाद आप इस कानून को वापस ले रहे हैं. वापस लेने का क्या उद्देश्य है कि अगर आप यह कानून चुनाव के लिए वापस ले रहे हैं 4 महीने के लिए वापस ले रहे हैं. आप यह बार-बार कह रहे हैं.
कहते हैं कानून अच्छे हैं. कानून को किसान समझ नहीं पा रहा है तो उसका मतलब क्या है? तो क्या यह कानून दोबारा से लाए जाएंगे? चुनाव खत्म होने के बाद फिर से आप यह कानून लाने का काम करेंगे तो इस बात का तो चुनाव के बाद पता चलेगा कि वह क्या करते हैं. हालांकि हमारी पार्टी की राष्ट्रीय नेता ने कह रखा है कि अगर यह दोबारा से इस कानून को लाने का प्रयास करेंगे तो इसका जोरदार विरोध किया जाएगा.