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ठंडे पानी में आस्था दे रही गर्माहट, यम फांस से मुक्ति के लिए बहनों ने मांगी दुआ

भाई यमराज और बहन यमुना जी का प्राचीन मंदिर मथुरा के विश्राम घाट पर स्थित विश्व का एकमात्र मंदिर प्राचीन मंदिर है. कहा जाता है, जो कि भाई-बहन यहां साथ में स्नान करते हैं. उन्हें यम फांस से मुक्ति मिल जाती है.

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ठंडे पानी में आस्था दे रही गर्माहट

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Published : Oct 27, 2022, 11:20 AM IST

मथुरा:भाई बहन का पर्व भैया दूज (Bhai Dooj 2022) बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. सूर्य उदय की पहली किरण के साथ कान्हा की नगरी में भाई बहन एक साथ यमुना नदी में स्नान करके भैया दूज मना रहे हैं. यमुना जी में स्नान करके यमराज के प्रकोप से मुक्ति मिलती है, जिसके चलते दूरदराज से आए लाखो की संख्या में श्रद्धालु स्नान करके मंदिर में दान पूर्ण करें रहे हैं. इसे यम द्वितीया स्नान भी कहा जाता है.

जानकारी देते हुए भाई-बहन

भाई बहन करते हैं यमुना नदी में स्नान
भाई यमराज और बहन यमुना जी का प्राचीन मंदिर शहर के विश्राम घाट पर स्थित विश्व का एकमात्र मंदिर प्राचीन मंदिर है. मान्यता है कि इस मंदिर में भाई-बहन युमना नदी में स्नान करने के बाद दान करके पुण्य कमाते है.

जिला प्रशासन ने किए सुरक्षा के इंतजाम
यम द्वितीया स्नान को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. इसको लेकर यमुना नदी के किनारे बैरिकेडिंग और गोताखोर लगाए गए हैं. भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने खोया पाया केंद्र भी लगाया है. सभी श्रद्धालुओं निर्देशित किया गया है कि गहरे पानी में ना जाएं और ना स्नान.

दर्शन को उमड़ी भक्तों की भीड़
भैया दूज को यम द्वितीया स्नान भी कहा जाता हैंभैया दूज को यम दुतिया स्नान भी कहा जाता है. कथाओं के मुताबिक, यमुना नदी में स्नान करके भाई-बहन को यमराज के प्रकोप से मुक्ति मिलती है. इसी के चलते इस दिन दूरदराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां आकर स्नान करते हैं.पौराणिक मान्यता हजारों वर्ष पूर्व सूर्यपुत्र यमराज सूर्यपुत्री यमुना मैया ने अपने भाई यमराज को अपने घर बुलाया था. बहन ने भाई की खूब खातिरदारी की, बहन की खातेदारी से प्रसन्न होकर भाई यमराज प्रसन्न हो गए और वरदान मांगने को कहा, बहन यमुना जी ने भाई से कहा मेरे पास तो सब कुछ है. कृष्ण की पटरानी हूं. मेरे स्वामी संसार को सब कुछ देने वाले हैं. कोई भला मुझे क्या कुछ दे सकता है. भाई यमराज ने अपनी बहन से कुछ भी मांगने को कहा, बहन ने भाई से पूछा आप के प्रकोप से लोगों को मुक्ति कैसे मिलेगी.
भाई-बहन ने लगाई आस्था की डुबकी

यमराज ने कहा शुक्ल पक्ष के दूज के दिन जो भी भाई-बहन विश्राम घाट पर आकर स्नान करेगा. उसे मेरे प्रकोप से मुक्ति मिल जाएगी और सीधा बैकुंठ में वास करेगा. यमराज और यमुना जी ने विश्राम घाट पर एक साथ स्नान किया. प्राचीन काल का मंदिर आज भी स्थापित है. इसी के चलते भैया दूज पर भाई-बहन एक साथ यमुना नदी में स्नान करते हैं.


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