मथुराः जिले के वृंदावन के लोग काफी समय से बंदरों के आतंक से परेशान थे. जिससे अब उनको निजाद मिलने वाली है. नगर निगम ने बंदर पकड़ों अभियान शुरू किया है. लेकिन उनके देर से शुरू किए गए अभियान पर लोग सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि कई सालों से वे बंदरों के आतंक से परेशान थे. लेकिन नगर निगम को इसकी उस वक्त याद आई है, जब प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
ये सवाल लोग इसलिए भी खड़े कर रहे हैं क्योंकि लंबे समय से वृंदावन के लोग बंदरों से परेशान थे, और उनसे मुक्ति दिलाने की प्रशासन से मांग कर रहे थे. अब तक की बात करें तो 8 लोग बंदरों की वजह से ही अपनी जान गवां चुके हैं. इन सब के बावजूद नगर निगम या फिर शासन प्रशासन ने किसी भी तरह से बंदरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी. चुनावों से कुछ महीने पहले ही अब उन्हें बंदरों की याद आई है, तो बंदर पकड़ो अभियान शुरू किया है.
बंदर पकड़ो अभियान, लोगों ने बताया चुनावी स्टंट लोगों का कहना है कि काफी समय से लोगों द्वारा शासन-प्रशासन से बंदरों से मुक्ति दिलाने की मांग की जा रही थी. हर बार शासन-प्रशासन उन्हें केवल आश्वासन देता था. लेकिन जिसे वो कभी पूरा नहीं करते थे. लेकिन मथुरा में बंदरों का आतंक एक अहम मुद्दा होने के चलते अब चुनावों से कुछ महीने पहले ही बंदर पकड़ो अभियान चलाया जा रहा है. बंदर पकड़ो अभियान चलाकर लोगों को अपनी ओर लुभाने का यह एक प्रयास हो सकता है.
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यहां बंदरों का इतना आतंक है कि बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं बिना लाठी लिए घर से नहीं निकलती हैं. अगर बगैर लाठी के कोई निकला तो बंदर अचानक से बच्चे, बुजुर्ग और महिलाओं पर हमला कर उन्हें काट कर चोटिल कर देते हैं. इसके साथ ही वो लोगों के हाथ में जो भी सामान होता है उसे झपट कर भाग जाते हैं. लगातार बंदर का शिकार हो रहे लोग बंदरों से मुक्ति दिलाने की मांग करते चले आ रहे थे. यहां तक कि लोगों ने सांसद हेमा मालिनी से भी कई दफा बंदरों से मुक्ति दिलाने की मांग की है. लेकिन हर दफा सभी के द्वारा एक आश्वासन दे दिया जाता था. लेकिन अब चुनावों से कुछ समय पहले ही नगर निगम मथुरा वृंदावन द्वारा बंदर पकड़ो अभियान चलाया गया है. ऐसा माना जा रहा है कि मथुरा वृंदावन का अहम मुद्दा होने के चलते उसे चुनावों से पहले ही शुरू किया गया है.