मथुरा: गिरिराज जी की नगरी गोवर्धन के राधा कुंड में रविवार को अहोई अष्टमी की मध्य रात्रि को पुत्र प्राप्ति के विशेष स्नान में दूरदराज से आए लाखों लोगों ने शुभ मुहूर्त में राधा कुंड में स्नान किया. स्नान कर पुत्र प्राप्ति का वरदान मांगा. यहां देश ही नहीं विदेश से भी श्रद्धालु स्नान करने के लिए आते हैं. यह प्रथा द्वापर युग से चली आ रही है.
अहोई अष्टमी स्नान को लेकर राधा कुंड में जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे. पूरे परिसर क्षेत्र को तीन सुपर जोन और 9 सेक्टर में बांटा गया था. प्रत्येक जोन की सुरक्षा के लिए क्षेत्राधिकार, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और सिपाही के साथ पीएसी की कंपनी भी तैनात की गई थी. पूरे स्नान क्षेत्र में 1200 से अधिक पुलिस के जवान तैनात किए गए थे.
द्वापर युग में मथुरा में कंस का अत्याचार प्रजा पर दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा था. कंस ने कृष्ण को मारने के लिए अरिस्टासुर राक्षस को भेजा था. राक्षस ने गाय का रूप धारण किया और ग्वाल वालों पर अत्याचार करने लगा. तभी कृष्ण ने अरिस्टासुर राक्षस का वध किया था. राधा ने गाय का वध करते हुए देख लिया और कहा गो हत्या का पाप लगेगा.
गो हत्या की मुक्ति का उपाय कृष्ण ने राधा से पूछा तो राधा ने कहा कि आपको पाप उतारने के लिए सभी तीर्थ में जाकर स्नान करना पड़ेगा. कृष्ण ने अपनी बांसुरी से एक कुंड का निर्माण किया और सभी तीर्थ का आह्वान करते हुए देवी-देवताओं को बुलाया. इस कुंड में सभी नदियों का जल समाहित है. कृष्ण ने कहा कि जो भी इस कुंड में स्नान करेगा, सभी पापों से मुक्ति मिलेगी.