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मथुरा: बहुजन मुक्ति पार्टी ने पैदल रैली निकालकर किया विरोध प्रदर्शन - धरना प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के मथुरा में सरकार पर एससी-एसटी पर अत्याचार करने का आरोप लगाते हुए बहुजन मुक्ति पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने हाथों में बैनर लिए पैदल रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया. जिसमें वर्तमान सरकार को पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने जमकर घेरा है.

बहुजन मुक्ति पार्टी ने निकाली पैदल रैली.

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Published : Nov 16, 2019, 4:46 PM IST

मथुरा: बहुजन मुक्ति पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने हाथों में बैनर लेकर पैदल रैली निकाली, जिसमें कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं का कहना है कि एससी-एसटी के ऊपर सरकार अब अत्याचार करना बंद करे.

बहुजन मुक्ति पार्टी ने निकाली पैदल रैली.


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पैदल रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन
बहुजन मुक्ति पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने हाथों में बैनर लिए पैदल रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया गया. कार्यकर्ताओं नेताओं का कहना था कि जब से बीजेपी सरकार बनी है ,तब से ही बड़े पैमाने पर यादव जाति, सहित अन्य ओबीसी जातियों के नौजवानों की हत्याएं हो रही हैं.

एससी-एसटी के ऊपर सरकार बंद करे अत्याचार
बहुजन मुक्ति पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं का कहना है कि बीजेपी सरकार ने मूलनिवासी बहुजन समाज के निर्दोष लोगों की हत्या, फर्जी एनकाउंटर, जाति और धर्म के आधार पर मॉब लिंचिंग और निर्दोष मुसलमानों को जेल में डालने रही है. साथ ही आरोप लगाया कि सरकार एससी-एसटी के ऊपर बढ़ते अत्याचारों के विरोध में और मूलनिवासी बहुजन छात्रों के शुल्क और छात्रवृत्ति से वंचित करने का काम किया है.

झांसी में पुष्पेंद्र यादव की हत्या, बदायूं मैं ब्रजपाल मौर्य, वाराणसी में दिलीप पटेल, इलाहाबाद में पिंटू पटेल ,आजमगढ़ में मुकेश राजभर की हत्या हो चुकी है. फर्जी एनकाउंटर के नाम पर एससी एसटी ओबीसी और मुसलमान नौजवानों की हत्या की जा रही है. इसे तत्काल प्रभाव से रोका जाए.

छात्रों को कर रहे है शिक्षा के अधिकार से वंचित
बीजेपी योगी सरकार निजी शिक्षण संस्थाओं में एससी-एसटी के छात्रों को मिलने वाली छात्र प्रतिपूर्ति शुल्क से वंचित किया. जिस कारण दो लाख एससी-एसटी छात्रों को परीक्षा से वंचित होना पड़ा है. एससी-एसटी छात्रों के शिक्षा के दरवाजे बंद करने वाले इस कानून का बहुजन मुक्ति पार्टी विरोध कर रही है और इस आदेश को रद्द करते हुए पुरानी प्रक्रिया को बहाल करने की मांग कर रही है.

सरकार ने एससी-एसटी के छात्रों को छात्रवृत्ति न देना पड़े इसलिए आदेश निर्गत करके यह शब्द रखा कि उन्हीं छात्रों को छात्रवृत्ति मिलेगी जो 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करेंगे. यह भी आदेश एससी-एसटी के छात्रों को शिक्षा के अधिकार से वंचित करने का कानून है और अप्रत्यक्ष रूप से मनुस्मृति लागू करने का प्रमाण है.
-राकेश कुमार, जिला अध्यक्ष, बहुजन मुक्ति पार्टी

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