मथुरा: कोरोना काल की आपदा में लाखों लोगों के रोजगार पर वायरस का ग्रहण लग गया है. इससे लाखों परिवारों में रोजी-रोटी का संकट आ चुका है. धोबी समाज का कहना है कि प्रदेश सरकार भी उनके साथ पक्षपात कर रही है. इनका कहना है कि कोरोना काल की आपदा में उनको कोई राहत पैकेज नहीं दिया गया. कोरोना के चलते शहर के धोबीघाट सूनसान पड़े हुए हैं. घर-घर कपड़े मांगने जा रहे धोबियों को कोई कोरोना के डर से कोई गंदे कपड़े देने के लिए तैयार नहीं है, जिसके चलते धोबियों का कारोबार अस्सी फीसदी ठप पड़ा हुआ है.
सूनसान पड़े धोबीघाट
जनपद में तीन बड़े स्थानों पर धोबीघाट बने हुए हैं. शहर के लक्ष्मी नगर इलाके में, वृंदावन पानी घाट और कोसीकला एरिया में हजारों की संख्या में धोबी मैले कपड़ों को लाकर धोते हैं. पिछले कई महीनों से धोबीघाट सूनसान पड़े हुए हैं. कोरोना के डर से कोई भी अपने गंदे कपड़े धोबी को देने के लिए तैयार नहीं है. जनपद में धोबी समाज के लोगों की जनसंख्या करीब 15,000 के आस-पास है. पिछले डेढ साल से धोबी समाज का कारोबार ठप पड़ा हुआ है, जिसके कारण परिवार मे रोजी-रोटी पर संकट आ चुका है.