मथुरा: रंगभरी एकादशी के दिन ब्रज में दूरदराज से आ रहे श्रद्धालु होली के रंग में सराबोर होते नजर आते हैं. विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में एकादशी के दिन से मंदिरों में रंगों की होली प्रारंभ हो जाती है. ब्रज में 40 दिनों तक होली का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. बसंत पंचमी के दिन से ब्रज में होली की शुरुआत होती है और मंदिरों में अलग-अलग होली के रंग देखने को मिलते हैं. इसी क्रम में रंगभरी एकादशी बांके बिहारी मंदिर की होली मनाई गई.
रंगभरी एकादशी
रंगभरी एकादशी के दिन से ब्रज के सभी मंदिरों में रंगो की होली प्रारंभ हो जाती है. मंदिरों में ठाकुरजी को रंग-बिरंगे गुलाल और रंग लगाकर श्रद्धालु होली के रंग में सराबोर होते नजर आते हैं. वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में रंगभरी एकादशी के दिन ठाकुर जी चबूतरे पर विराजमान होकर भक्तों के साथ होली खेलते नजर आते हैं. ब्रज में रंगभरी एकादशी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है और बांके बिहारी मंदिर में होली खेलने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं.
40 दिनों तक होली
ब्रज के सभी मंदिरों में होली की उमंग श्रद्धालुओं के सर चढ़कर बोल रही है. दूरदराज से आने वाले श्रद्धालु भी होली का अद्भुत आनंद ले रहे हैं तो वहीं मंदिरों में ढोल-नगाड़े, झांझ और मजीरा की धुन पर नाच रहे हैं. ब्रज के सभी मंदिरों में बसंत पंचमी के दिन से होली प्रारंभ हो जाती है और 40 दिनों तक मंदिरों में रंग-बिरंगे गुलाल की खुशबू महकती है.