मैनपुरी: आर्यव्रत बैंक की एक शाखा में करोड़ों का घोटाला हुआ था. ब्यूती खुर्द गांव में 1993 में ग्रामीण बैंक की शाखा खोली गई, जिसका उद्देश्य था कि ग्रामीणों को बैंक की सुविधा मिले. बैंक ने इसके उलट काम किया. चंद भ्रष्ट अफसरों के चलते बैंक में भ्रष्टाचार हुआ. नारायण सिंह नाम के व्यक्ति के रिटायरमेंट के दौरान आठ लाख 90 हजार रुपया बैंक में आया. यह पैसा 2014 में मैनेजर संदीप चौहान द्वारा गबन कर लिया गया था. इसकी जानकारी नारायण सिंह को हुई तो हृदय गति रुकने से उनकी मौत हो गई.
मामले की शिकायत बैंक अधिकारियों से की गई. जांच के बाद मैनेजर को 2015 में बर्खास्त कर दिया गया. साथ ही इसके बाद यह मामला पूर्ण रूप से ठंडे बस्ते में चला गया. 2019 साल के अंत में बैंक कर्मियों ने करोड़ों रुपये के घोटाले की फर्जीवाड़े की रिपोर्ट दर्ज कराई.
ग्रामीण बैंक में फर्जीवाड़ा
ईटीवी से सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने अपना दर्द बयां किया. ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व मैनेजर ने सैकड़ों की संख्या में फर्जी लोन किए और लोन की रकम खुद हड़प ली. लगातार लोन और कैश में घोटाला करता रहा और ऑडिट होती रही. शाखा प्रबंधक की चालाकी की वजह से काई उसे पकड़ नहीं पाया. अब जब लोन चुकता न करने की वजह से ग्रामीणों को नोटिस जारी हुए तो सभी के होश उड़ गए. बिना लोन लिए उन्हें अब बैंक द्वारा परेशान किया जा रहा है. जिसके बाद अब किसान न्यायालय की शरण में है.