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निर्वाचित प्रधान नहीं दिखा सके जाति प्रमाण पत्र, डीएम ने किया निरस्त

मैनपुरी डीएम महेंद्र बहादुर सिंह की अध्यक्षता वाली जिला समिति ने तहसील किशनी की ग्राम पंचायत अरसारा के प्रधान पद पर निर्वाचित राजेश बाबू का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया. वो अपनी जाति के संबंध में कोई अभिलेख प्रस्तुत नहीं कर सके.

डीएम ने जाति प्रमाण पत्र किया निरस्त
डीएम ने जाति प्रमाण पत्र किया निरस्त

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Published : Jun 11, 2021, 2:34 PM IST

मैनपुरीः जिले के किशनी की ग्राम पंचायत अरसारा का एक ऐसा मामला सामने आया जहां प्रधान पद पर निर्वाचित राजेश बाबू अपने जाति का प्रमाण पत्र नहीं दे सके. जिसके बाद डीएम की अध्यक्षता वाली जिला समिति ने उनका जाति का प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया. इस मामले में एक राजस्वकर्मी पर भी गाज गिरी है.

ये है पूरा मामला

जिले की किशनी तहसील का ग्राम पंचायत अरसारा इस पंचायत चुनाव में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी. इसी ग्राम पंचायत के मजरा गोकुलपुर के रहने वाले पिछड़ी जाति के परिवार में कई सालों से एक राजेश बाबू नाम का शख्स रहता था. इन लोगों ने राजस्वकर्मी की मदद से फर्जी तरीके से राजेश बाबू के सभी अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र बनवा दिये. हालांकि राजस्व विभाग के कर्मचारियों को ये उम्मीद नहीं थी कि ये शख्स आगे चलकर गांव का प्रधान हो जाएगा. 2 मई को जब रिजल्ट आया तो राजेश बाबू 50 वोट से विजयी घोषित हो गए. जिसके बाद वो प्रधान हो गए. हालांकि राजेश बाबू दिमाग से कुछ कमजोर भी हैं. उन्हें जितना बता दिया जाए उतना ही बोलते हैं. इनकी शिकायत गांव के ही एक शख्स ने की थी. उसका आरोप है कि ये अनुसूचित जाति के नहीं हैं. इन्होंने फर्जी तरीके से दस्तावेज बनवायें हैं. जिसके बाद डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने जिला समिति बनाई और नोटिस के माध्यम से इन्हें बुलाया गया. समिति ने राजेश से अपने जाति संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करने के आदेश दिए. पहली समिति की बैठक में ये अपने दस्तावेज पेश नहीं कर सके.

निर्वाचित प्रधान नहीं दिखा सके जाति प्रमाण पत्र

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हालांकि जिलाधिकारी ने बताया कि राजेश बाबू अपने अभिलेख से संबंधित जाति का कोई भी प्रमाण नहीं दे पा रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने ये भी जानकारी नहीं दी है कि यह कहां के रहने वाले हैं और कहां से आए हैं. एक शिकायती पत्र के माध्यम से जानकारी मिली है कि हरियाणा के किसी जगह के ये रहने वाले हैं. अपने जाति से संबंधित अभिलेख न दिखाने पर निर्वाचित प्रधान के जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिए गए हैं. साथ ही जाति प्रमाण पत्र जारी करने की रिपोर्ट के लिए लेखपाल को दोषी माना गया और उन्हें निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के भी आदेश जारी किए गए हैं.

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