मैनपुरी: लोकसभा उपचुनाव जीतने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और डिंपल यादव ने किशनी में पार्टी कार्यकर्ताओं और बूथ अध्यक्षों से मुलाकात की. इस दौरान अखिलेश यादव ने जमकर बीजेपी पर हमला बोला. उन्होंने 2024 के चुनाव की तैयारी में जुड़ने के लिए कार्यकर्ताओ से कहा.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा कि रामपुर की हार को बीजेपी और सपा की अंदरूनी मिलीभगत का परिणाम बताया था. इस ट्वीट पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें इस जीत से निराशा नहीं होनी चाहिए. यह समाजवादियों की जीत नहीं है, यह बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी के सिद्धांतों और डॉक्टर राम मनोहर लोहिया जी के सिद्धांतों की जीत है. नेता जी ने सबका सम्मान लेकर के मेलजोल और सौहार्द की राजनीति की. बहुजन समाज पार्टी की नेता जो कह रही हैं मुझे उनके बारे में कुछ नहीं कहना है. हमारा लक्ष्य है कि भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश कैसे हटाए, क्योंकि उत्तर प्रदेश से ही यह दिल्ली का रास्ता इनको मिला था. बीजेपी को उत्तर प्रदेश की जनता ही रोकेगी.
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि समाजवादी पार्टी और आजम खान साहब कभी चुनाव नहीं हारना चाहेंगे. बसपा सुप्रीमो को इलेक्शन कमीशन के खिलाफ बोलना चाहिए. किस तरीके से वहां के मतदाता खासकर मुसलमान भाई वोट डालने न जाए, उन्हे कैसे रोका जाए और कैसे नुकसान पहुंचाया जाए. जो महिलाएं वोट डालने गई उनके साथ गलत भाषा का इस्तेमाल किया गया. कई पार्टी के नेता निकले तो उनके हाथ पैर तोड़ दिए गए, कईयों को चोटे आई हैं.रामपुर चुनाव में पुलिस लगाकर के मुसलमान भाइयों को घर से नहीं निकलने दिया.शिवपाल सिंह यादव को बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने को लेकर के कहा कि चाचा हमारे साथ आए हैं. उनका दल विलय हो गया है. उन्हें भी जिम्मेदारी मिलेगी.
अखिलेश यादव डिंपल संग पहुंचे बांके बिहारी मंदिर:उपचुनाव जीतने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपनी पत्नी डिंपल यादव के साथ रविवार की देर शाम को बांके बिहारी मंदिर दर्शन करने के लिए पहुंचे. जहां उन्होंने विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना की. इस दौरान अखिलेश ने प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा सरकार व्यापारियों का उत्पीड़न कर रही है. ताबड़तोड़ जीएसटी को लेकर छापामार कार्रवाई की जा रही है.समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है. ऐसा कोई व्यापारी नहीं बचा, जहां छापा न पड़ा हो. कैसा जीएसटी है यह जिसमें संशोधन न किए जा रहे हों. व्यापारियों का भरोसा उठ गया तो जीरो पर होगी भाजपा.
यह भी पढ़ें:दहेज न मिलने पर पति ने पत्नी को छत से फेंककर मार डाला, गिरफ्तार