मैनपुरी:स्वास्थ्य विभाग के तमाम इंतजामों के बाद भी डेंगू बुखार का कहर कम नहीं हो रहा है. इस जानलेवा बुखार से करीमगंज गांव में पिछले 15 दिनों के भीतर 9 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 200 से अधिक लोग डेंगू बुखार से पीड़ित हैं. वहीं करीमगंज में कई मौतों के बाद अधिकारियों की नींद टूटी है. डेंगू मरीजों की जांच रिपोर्ट में डॉक्टर और पैथोलॉजी की मिलीभगत सामने आई, जिसके बाद संबंधित पैथोलॉजी और अस्पताल को सील कर दिया गया.
मैनपुरी: डेंगू की फर्जी रिपोर्ट मामले में कार्रवाई, पैथोलॉजी-अस्पताल सील - मैनपुरी समाचार
यूपी के मैनपुरी जिले स्थित करीमगंज गांव में डेंगू बुखार से हुई मौतों के बाद प्रशासन ने पैथोलॉजी और अस्पताल पर कार्रवाई की है. फर्जी रिपोर्ट तैयार करने के मामले में पैथोलॉजी और अस्पताल को सील कर दिया गया.
बुधवार को जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक सहित पूरे सरकारी अमले ने करीमगंज गांव का दौरा किया और ग्रामीणों की समस्याएं सुनी. इस दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी को ग्रामीणों का आक्रोश झेलना पड़ा. हालांकि जिलाधिकारी ने समस्या का निदान करने की बात कही. वहीं मुख्य चिकित्साधिकारी को जानकारी मिली कि गांव में डेंगू बुखार को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है. बीते साल भी डेंगू बुखार से कुछ लोग ग्रसित हुए थे, लेकिन इतने व्यापक तौर पर प्रसार नहीं हुआ था. वहीं स्वास्थ्य विभाग को पता चला कि डेंगू की जांच करने वाली कमल पैथोलॉजी और डॉक्टरों की मिलीभगत से रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसमें ज्यादातर मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई. गड़बड़ी की सूचना पर तत्काल देवी रोड स्थित कमल पैथोलॉजी को सील कर दिया गया है.
मुख्य चिकित्साधिकारी अशोक कुमार पांडेय ने बताया कि कमल पैथोलॉजी को सील कर दिया गया. वहीं निवास क्लीनिक के नाम पर अस्पताल चलाने वाला डॉक्टर आशीष शाक्य कार्रवाई के भय से फरार हो गया था, लेकिन बाद में डॉक्टर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. सीएमओ ने बताया जिस अस्पताल में मरीजों का इलाज किया जा रहा था, वह एलोपैथिक इलाज के लिए वैध नहीं है. कमल पैथोलॉजी फर्जी रिपोर्ट तैयार कर भ्रम फैला रहा था, जिस पर कार्रवाई की जा रही है. मुख्य चिकित्साधिकारी का कहना है कि संक्रमण तेजी से फैला है, लेकिन जल्द ही काबू कर लिया जाएगा.