मैनपुरी : साइबर सेल व थाना करहल पुलिस ने सरकारी योजनाओं के नाम पर मोबाइल फोन से ओटीपी भेज कर बैंक अकाउंट से रुपये निकाल लेने वाले अंतरजपदीय गिरोह के तीन सदस्यों को धर दबोचा है. यह गिरोह 18 महीनों से सक्रिय था.
अंतरजनपदीय आनलाइन ठगी गिरोह के 3 सदस्य गिरफ्तार, कुर्क होगी संपत्ति आरोपी एक वर्ष में 1.9 करोड़ रुपये का लेनदेन खाते से कर चुके हैं. इनके पास से दो एंड्रायड मोबाइल फोन, एक कंप्यूटर, 9 सिमकार्ड और 41 हजार सौ रुपये की धनराशि बरामद हुई. पकड़े गए लोगों ने बताया कि वेब सीरीज जाम तारा देखकर उन्होंने फ्रॉड करना सीखा था.
पुलिस पकड़े गए अभियुक्तों से और जानकारी जुटाने के बाद गैंगस्टर की कार्यवाही करने की बात कह रही है. पुलिस ने बताया कि अभियुक्तों से अपराध द्वारा अर्जित की गई संपत्ति को भी जब्त किया जाएगा. खुलासे करने वाली टीम को पुलिस अधीक्षक ने बीस हजार रुपये से पुरस्कृत किया है.
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क्या था पूरा मामला
यूपी के मैनपुरी जनपद में थाना करहल के अंतर्गत रहने वाले अलकेश ने पुलिस अधीक्षक को एक शिकायती पत्र दिया जिसमें कहा गया कि उसे एक फोन आया जिसमें अज्ञात व्यक्ति बताया गया कि उसे प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास आवंटित हुआ है. इसके लिएकुल ₹253000 दिये जाने की बात कही गयी. उस व्यक्ति ने कहा कि फाइल बैंक मैनेजर के पास भेज दी गई है.
इसके कुछ देर बाद दूसरे नंबर से फोन आया जिसमें सामने वाले व्यक्ति ने कहा कि वह बैंक मैनेजर बोल रहा है. तत्काल प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने के लिए आपके मोबाइल पर एक ओटीपी भेजा गया है. उसे बताएं. ओटीपी बताते ही पीड़ित के खाते से ₹35500 काट लिए गए.
थाना करहल में मुकदमा दर्ज
पुलिस अधीक्षक के आदेश पर थाना करहल में मुकदमा दर्ज किया गया. वहीं, यह जांच साइबर सेल को सौंप दी गई है. जांच के दौरान पता चला कि आवेदक से ओटीपी मांगकर फ्रॉड कर उसके बैंक खाते से रुपये पंजाब नेशनल बैंक शाखा समथर जनपद झांसी में ट्रांसफर कराया गया है. उन्हीं रुपयों को तत्काल कानपुर के विभिन्न एटीएम से निकाला जा रहा है.
साइबर सेल द्वारा गहनता से जांच के बाद पाया गया कि कानपुर की ककवन थाना क्षेत्र में एक फ्रॉड गैंग सक्रिय है. इसके द्वारा पीड़ितों से प्रधानमंत्री आवास योजना का झांसा देकर लोगों के खाते को हैंगकर उनके मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजकर धनराशि निकाली जा रही है. फ्रॉड गैंग के सरगना विजय सिंह सहित दो साथी मलखान सिंह और वीरेंद्र को साइबर सेल व थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया.
पूछताछ में बताया कि वेब सीरीज देख सीखा था फ्रॉड करना
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह लोग कानपुर के आसपास के जनपदों से फर्जी आईडी पर सिम लेकर उनके गांव में बने मंदिर के पास बैठकर ठगी को अंजाम देते थे. वह लोग दूर जिलों के गरीब व्यक्तियों के खाते को किराए पर लेकर फ्रॉड कर मंगाई गई धनराशि जमा कराते थे जिससे उन लोगों तक कोई पहुंच न सके. हिंदी भाषा कई राज्यों के लोगों के साथ फ्रॉड कर पैसा मंगाया गया है.
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लगभग डेढ़ वर्षों से कर रहे हैं ठगी
आरोपियों ने बताया कि उन्होंने राइस मिल, बोलोरो, ट्रैक्टर, चल-अचल संपत्ति अर्जित की है. अभियुक्तों के खाते की जानकारी करने पर करोड़ों के लेन-देन का ब्यौरा सामने आया है. अभियुक्तों द्वारा फ्रॉड कर अर्जित की गई संपत्तियों का ब्यौरा लिया जा रहा है. अभियुक्तों के विरुद्ध गैंगेस्टर की कार्यवाही कर कुर्की की जाएगी.
इन अभियुक्तों के पास से दो मोबाइल फोन जो घटना में प्रयुक्त करते थे, एक कंप्यूटर, 9 सिम और 41,100 रुपये कैश भी बरामद हुए है. दो फरार अभियुक्तों गुड्डू और बबलू को पुलिस जल्द गिरफ्तार करने की बात कह रही है.
ठगी के शिकार हुए लोगों को वापस किए उनके पैसे
साथ ही ठगी के शिकार हुए लोगों को पुलिस ने लिफाफे में रखकर उनके रुपये भी वापस किए. इससे लोगों के चेहरे खिल उठे. उन्हें उम्मीद नहीं थी कि यह रुपये उन्हें वापस मिलेंगे.
मामले का खुलासा करने वाली टीम को पुलिस अधीक्षक ने ₹20,000 से पुरस्कृत किया. उन्होंने आम लोगों को संदेश भी दिया है कि मोबाइल पर अज्ञात द्वारा कही गई बातों पर विश्वास न करें, न ही लालच में फंसें. अपनी व्यक्तिगत जानकारी भी साझा न करें.