उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

लॉकडाउन के दौरान मैनपुरी में बढ़े आत्महत्या का मामले, 29 लोगों ने की खुदकुशी

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में लॉकडाउन के दौरान आत्महत्या में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली. बीते तीन महीनों में जिले में 29 लोगों ने आत्महत्या की है.

कोरोना बंदी के दौरान 29 लोगों ने की आत्महत्या
कोरोना बंदी के दौरान 29 लोगों ने की आत्महत्या

By

Published : Jun 10, 2020, 3:41 AM IST

मैनपुरी: लॉकडाउन के दौरान जिले में एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए हुए लॉकडाउन के दौरान जिले में आत्महत्या के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं. बीते तीन महीने के दौरान जिले में 29 लोगों ने खुदकुशी है. जिले में आत्महत्या में अचानक हुई इस बढ़ोतरी पर ईटीवी भारत की टीम ने समाजशास्त्री वीके सिंह के बात की.

लॉकडाउन के दौरान 29 लोगों ने की आत्महत्या

लॉकडाउन में बढ़े आत्महत्या के मामले

मैनपुरी जिले में लॉकडाउन के दौरान आत्महत्या करने की घटनाएं बढ़ गईं. बेवर में सर्वाधिक 12 लोगों ने पिछले 3 महीने में आत्महत्या की, वहीं किशनी में तीन, कुरावली में पांच, करहल में दो लोगों ने आत्महत्या की. इसके अलावा घिरोर ओछा में भी दो-दो लोगों ने अपनी जान दे दी. आत्महत्या करने वालों में महिलाएं अधिक हैं, वहीं 4 किशोरियों ने भी आत्महत्या की.

मैनपुरी शहर में 3 लोगों ने फांसी लगाकर जान दी. पिछले 90 दिनों में मैनपुरी में 29 लोगों ने आत्महत्या की. इन घटनाओं में कुछ मामले ऐसे रहे, जिनमें कारण ही पता नहीं चल पाए. इस अवधि में 3 प्रवासी युवकों ने भी खुदकुशी की. वहीं लॉकडाउन के पहले की बात करें तो जिले में एक महीने में औसतन आत्महत्या के 5 केस सामने आते थे. लेकिन लॉकडाउन के दौरान आत्महत्या के मामले दोगुने हो गये.

आत्महत्या के बढ़ते मामलों पर क्या बोले समाजशास्त्री वीके सिंह

नेशनल पीजी कॉलेज के पूर्व प्रचार्य और समाजशास्त्री वीके सिंह के मुताबिक, कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन ने जनमानस को प्रभावित किया, खासकर आर्थिक तौर पर. शुरुआत में लोगों ने सोचा कि लॉकडाउन छोटी अवधि के लिए है, इसलिए उनका दृष्टिकोण सकारात्मक रहा. लेकिन जैसे ही स्थितियां बदलती गईं समय बढ़ता गया तो इसका लोगों के ऊपर विपरीत प्रभाव पड़ा.

समाजशास्त्री वीके सिंह ने कहा कि, लोग कहीं बाहर भी आ जा नहीं सकते थे, जिसके कारण उनके मानसिक क्षमता पर गहरा प्रभाव पड़ा. लोग धीरे-धीरे हताश और निराश होने लगे, जिसके कारण दिमागी संतुलन खो बैठे और ऐसे कई लोगों ने आत्महत्या कर ली.

ABOUT THE AUTHOR

...view details