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डेटिंग ऐप पर पहले की दोस्ती, फिरौती न मिलने पर हत्या कर कमरे में दफनाया शव

महोबा में डेटिंग ऐप पर तीन युवकों ने दोस्ती की. तीनों में नजदीकियां बढ़ गई. फिर दो युवकों ने मिलकर एक की हत्या कर दी. पुलिस ने पूरे मामले का खुलास करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

महोबा शहर कोतवाली क्षेत्र
महोबा शहर कोतवाली क्षेत्र

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Published : Mar 27, 2023, 10:56 PM IST

अपहरण का खुलास न हो इस डर से कर दी हत्या.

महोबाः जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. मामला युवक का अपहरण और फिर हत्या से जुड़ा हुआ है. जिले में 22 मार्च को एक युवक का अपहरण कर फिरौती मांगी गई. इसके बाद पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर छानबीन शुरू कर दी. पुलिस ने जांच में शहर के बाहर सुनसान इलाके में बने मकान में युवक का दफन शव बरामद किया है. साथ ही उसकी हत्या करने वाले दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है. युवक का अपहरण और हत्या से परिवार में कोहराम मचा हुआ है. वहीं, पुलिस शव का पोस्टमार्टम कराकर अग्रिम कार्रवाई में जुटी है.

क्या है पूरा मामला?
दिल दहला देने वाली यह सनसनीखेज वारदात महोबा शहर कोतवाली क्षेत्र की है. मोहल्ला बाडीहाट में एक बीस साल का युवक अपने मामा गजराज के घर बचपन से ही रह रहा था. माता-पिता की मौत के बाद से उसकी परवरिश उसके मामा गजराज ने ही की थी, लेकिन मामा गजराज को क्या पता था कि गलत संगत उसके भांजे की मौत का कारण बन जाएगी. मृतक जितेंद्र को समलैंगिक दोस्ती और संबंध बनाने की आदत थी, जिसके चलते वह एक ऐप के माध्यम से लोगों के संपर्क में मिलने का काम करता था. इसी डेटिंग ऐप के माध्यम से उसकी मुलाकात चंद्रिका देवी मंदिर के पास किराए से रहने वाले चरखारी निवासी नितेन्द्र कुशवाहा और फतेहपुर जनपद के दरौटा गांव निवासी सूरज सेंगर से दोस्ती हुई थी.

इस ऐप के माध्यम से मुलाकात होने के बाद तीनों के बीच नजदीकियां बहुत खास हो गईं. ऐसे में बातों ही बातों में अपराधिक प्रवृत्ति के दोनों युवकों नितेन्द्र और सूरज को जब पता चला कि मृतक जितेंद्र यादव के पास करीब 10 बीघा जमीन है तो इनके शैतानी दिमाग में जल्द अमीर बनने की लालच में एक साजिश को अंजाम दे डाला. 22 मार्च को मृतक जितेंद्र को मिलने के लिए शहर से बाहर मामना रोड रेलवे पुल के पास बुला लिया और उसका मुंह दबाकर हाथ पैर बांध वारदात को अंजाम देने के लिए दो दिन पूर्व किराए पर लिए गए सुनसान मकान में ले गए. वहां धमकाते हुए मृतक जितेंद से ही मामा को फोन लगवाकर 5 लाख रुपये फिरौती की मांग की, लेकिन मांग पूरी न होने पर और पकड़े जाने के डर से जितेंद्र की दोनों ने हत्या कर दी.

साक्ष्य मिटाने के लिए उसी मकान में गड्ढा खोदकर मृतक जितेंद्र के शव को दफना दिया और मकान का ताला बंद कर अपने किराए के मकान में अंजान बनकर रहने लगे. मगर, कानून से दोनों ही हत्या के आरोपी नहीं बच पाए. 23 मार्च को आरोपियों द्वारा फिर मृतक जितेंद्र के फोन से ही उसके मामा से 5 लाख रुपये फिरौती की मांग की गई. वहीं, मृतक के मामा की तहरीर पर पुलिस अपहरण की गुत्थी सुलझाने में जुटी हुई थी. पुलिस अधीक्षक अपर्णा गुप्ता ने भी मामले में गंभीरता दिखाते हुए सर्विलांस सहित 4 टीमों का गठन किया था.

सोमवार 27 मार्च को मुखबिर से पुलिस को सूचना मिली कि दो युवक मामना रोड रेलवे ट्रैक के पास संदिग्ध खड़े हैं. सूचना के बाद कोतवाली पुलिस सहित प्रभारी सर्विलांस टीम ने घेराबंदी कर दोनों आरोपियों को पकड़ लिया. पुलिस ने उनकी तलाशी ली. इस दौरान आरोपी के पास से मृतक जितेंद्र का मोबाइल बरामद हुआ. साथ ही निशानदेही पर मकान में दफन मृतक जितेंद्र की लाश को भी पुलिस ने बरामद किया है. जितेंद्र का शव मिलने से उसके मामा और परिवार में कोहराम मच गया. पुलिस ने हत्या और साक्ष्य मिटाने की धाराओं को बढ़ाकर दोनों को ही जेल भेजने की कार्रवाई की है.

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