महोबा: नगर पालिका अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप लगे हैं. आरोप लगाने वाले 12 से ज्यादा सभासदों ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित सात सूत्री ज्ञापन डीएम को सौंपकर क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है. सभासदों ने एक सप्ताह में मांग पूरी न होने पर कोविड-19 की गाइडलाइंस का पालन करते हुए पालिका अध्यक्ष के खिलाफ जुलूस निकालने की चेतावनी दी है. अनशन की सूचना मिलने पर सभासदों को मनाने के लिए एसडीएम पहुंच गए, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा.
नगर पालिका अध्यक्ष पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप, सभासदों ने दी ये चेतावनी
महोबा में एक दर्जन से ज्यादा सभासदों ने नगर पालिका अध्यक्ष दिलाशा सौरभ तिवारी पर भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप लगाए हैं. अनशनकारी सभासदों ने घर-घर जाकर कचरा उठाने वाली गाड़ियों में लगे सफाई कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन पर सवाल उठाए हैं.
कर्मचारियों को मिल रहा कम वेतन
मामला नगर पालिका परिषद महोबा परिसर का है. यहां सोमवार सुबह 12 से ज्यादा सभासदों ने नगर पालिका अध्यक्ष दिलाशा सौरभ तिवारी पर भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप लगाए. कुछ दिन पहले सभासदों ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित मांगों का सात सूत्री ज्ञापन डीएम सत्येन्द्र कुमार को सौंपा था. इस दौरान उन्होंने समस्याओं के जल्द निस्तारण की मांग की थी. समस्याओं के निस्तारण न होने पर अनशन शुरू करने की भी चेतावनी दी थी. अनशनकारी सभासदों ने घर-घर जाकर कचरा उठाने वाली गाड़ियों में लगे सफाई कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन पर सवाल उठाए. सभासदों ने बताया कि हर सफाई कर्मचारी को प्रति माह 9 हजार 200 रुपये निर्धारित हैं. इसके बाद भी कर्मचारी को महज 5 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जा रहा है. शेष 4 हजार 2 सौ रुपये कहां जा रहे हैं, इसकी जांच कर दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.
एसडीएम पहुंचे मनाने के लिए
सभासदों के अनशन करने की सूचना पर एसडीएम सदर राजेश कुमार मौके पर पहुंच गए. उन्होंने सभासदों को मनाने का प्रयास किया, लेकिन सभासद अपनी मांगों को मानने तक अनशन से उठने के लिए तैयार नहीं हुए. सभासदों ने मांगें न मानने पर एक सप्ताह के बाद मुख्यालय के मुख्य मार्गों से कोविड-19 की गाइडलाइंस का पालन करते हुए जुलूस निकालने की चेतावनी दी है.
लोगों को थी विकास की उम्मीद
सभासद नरेंद्र कुशवाहा ने बताया कि वे लोग नगर पालिका में 2017 में निर्वाचित होकर आए थे. हमारे क्षेत्र के लोगों को हमसे विकास की उम्मीद थी, लेकिन हम लोग नगर पालिका में भ्रष्टाचार के कारण विकास नहीं करा पाए. इसको लेकर कई बार प्रशासन को जानकारी दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस कारण वे लोग सोमवार से अनशन पर बैठे हैं.