महोबा:जिले में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर शुक्रवार को बिजली अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. यह प्रर्दशन शत-प्रतिशत निजीकरण के लिए जारी किए गए ड्राफ्ट स्टैण्डर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट के विरोध में किया गया. अधिकारियों और कर्मचारियों ने एक दिन के काम का बहिष्कार कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने निजीकरण को निरस्त करने की मांग की है.
निजी कंपनियों को मिलेगा फायदा
निजीकरण से आक्रोशित कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार, दिया धरना
महोबा में बिजली अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन शत-प्रतिशत निजीकरण के लिए जारी किए गए ड्राफ्ट स्टैण्डर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट के विरोध में किया गया. कर्मचारियों ने निजीकरण को निरस्त कराए जाने की मांग की है.
मुख्यालय के कीरत सागर स्थित उपखंड कार्यालय परिसर में धरने पर बैठे संघर्ष समिति के कर्मचारियों और अधिकारियों ने कहा कि विद्युत विभाग का निजीकरण जनता के हित में नहीं है. सरकार निजी कंपनी के मुनाफे के लिए काम कर रही है. निजी कंपनी लागत से कम मूल्य पर किसी भी उपभोक्ता को बिजली नहीं देगी. प्रदेश में बिजली की लागत का औसत 7.90 रुपये प्रति यूनिट है. निजी कंपनी एक्ट के अनुसार कम से कम 16 प्रतिशत मुनाफा लेने के बाद 9.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली देगी. कर्मचारियों ने निजीकरण को लेकर एक स्वर में विरोध जताया. इस दौरान तख्तियां लेकर नारेबाजी की.
सरकार क्यों करा रही निजीकरण
संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष अनूप कुमार सिंह ने बताया कि सरकार के निजीकरण के निर्णय के विरोध में शांतिपूर्वक एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है. कर्मचारी ये नहीं समझ पा रहे हैं कि सरकार निजीकरण क्यों करना चाह रही है. उन्होंने पूछा कि यदि निगम घाटे में हैं तो इसे खरीदेगा कौन और अगर फायदे में हैं, तो इसे बेचा क्यों जा रहा है.