महोबा : जिले में रविवार को मदर्स-डे पर पुत्रों ने अपनी मां को घर से बेघर कर दिया. मां अब मजबूर होकर वृद्धा आश्रम में रहने के लिए पहुंची हैं. बुजुर्ग मां अपने ही पुत्रों की प्रताड़ना से इस कदर हताश हुई कि मदर्स डे के दिन ही अपने पति के साथ वृद्धाश्रम में आकर रहने लगीं. उसकी आंखों का दर्द और बेबसी बता रही है कि उसके ही बच्चों ने उसे अनाथों की तरह घर से निकाल दिया. अब वृद्धाश्रम ही उनका सहारा है.
महोबकंठ थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम रिवई दुलारा की रहने वाली 69 वर्ष की देवकी अपने पति टूटियां के साथ वृद्ध आश्रम में रहने पहुंचीं हैं. महोबा शहर के मलकपुरा इलाके में संचालित आधारशिला वृद्धा आश्रम में मौजूद महिला देवकी बताती हैं कि उसके दो पुत्र हैं. बड़े पुत्र का नाम हरनारायण और छोटे पुत्र का नाम अंगद है. दोनों ही पुत्र अक्सर उनके और उनके पति के साथ मारपीट करते हैं. इससे तंग होकर वह गांव में ही अलग रहकर अपना वृद्ध जीवन बसर कर रहे थे. पुत्रों द्वारा उन्हें आए दिन प्रताड़ित किया जाता रहा. कभी मारपीट करना तो कभी शराब के लिए पैसे मांगना और न देने पर अपमानित करना.
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दोनों ही वृद्ध बताते हैं कि उनके ही अपने पुत्र उनके लिए मुसीबत का कारण बने हैं. उन्हें उम्मीद थी कि उम्र के इस आखिरी पड़ाव में उनके पुत्रों द्वारा उनकी सेवा की जाएगी. मगर सेवा तो दूर उन्हें आए दिन प्रताड़ित किया जा रहा था. वृद्ध बताते हैं कि बड़ा पुत्र काम करने के लिए महानगर चला गया तो घर में रह रहा छोटा पुत्र शराब पीकर आए दिन विवाद करने लगा. बहुएं भी वृद्ध माता-पिता पर जुल्म ढाने लगीं. हद तो तब हो गई जब आज मदर्स-डे के दिन ही पुत्र ने धक्के मारकर अपने मां-बाप को घर से बाहर कर दिया.
दोनों बुजुर्ग महोबा शहर में संचालित वृद्ध आश्रम पहुंचे और अपना दुखड़ा बताते हुए जगह देने की गुहार लगाई. इसके बाद उन्हें वृद्धा आश्रम में रख लिया गया. दोनों बुजुर्ग बताते हैं कि उन्हें उनके पुत्रों द्वारा ही सताया गया है. अब वृद्धा आश्रम में उन्हें आसरा मिला है. यही वृद्धाश्रम उनका घर है जहां वह अपनी बाकी जिंदगी गुजर करने आए हैं. वृद्धाश्रम की केयर टेकर नीरज बताती हैं कि आश्रम में 18 ऐसी मां हैं जो अपनों की प्रताड़ना से परेशान होकर यहां रह रहीं हैं. बताया कि यहां पर सभी वृद्धजनों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था सहित उनके स्वास्थ्य देखभाल को लेकर भी व्यवस्थाएं हैं.
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