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महोबा: शव ले जाने के लिए घंटों भटके परिजन, अधिकारियों की लापरवाही आई सामने - सरकारी शव वाहन

उत्तर प्रदेश के महोबा में रोडवेज बस चालक की मौत हो गई. उसके बाद उसके शव को ले जाने के लिए सरकारी शव वाहन नहीं मिला. घंटों इंतजार के बाद परिजनों को विभागीय अधिकारियों ने प्राइवेट एम्बुलेंस की व्यवस्था की.

शव ले जाने के लिए नहीं मिला सरकारी शव वाहन.

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Published : Aug 4, 2019, 8:22 PM IST

महोबा:सरकार की ओर से हर जिले में सरकारी शव वाहन दिए गए हैं. वहीं महोबा जिले में यह शव वाहन शोपीस बनकर रह गए हैं. शनिवार को कैंट डिपो की बस और ट्रक की आपस में भिड़ंत हो जाने से चालक की मौत हो गई, जिसे भेजने के लिए शव वाहन नहीं मिल सका.

शव ले जाने के लिए नहीं मिला सरकारी शव वाहन.

आखिरकार रोडवेज की ओर से स्टोर वाहन में शव को भेजने की व्यवस्था की गई, लेकिन उसमें एसी न होने के कारण परिजनों ने नाराजगी जाहिर की. उसके बाद प्राइवेट एम्बुलेंस से शव को भेजा गया.

पढ़ें- महोबा: रोडवेज बस और ट्रक की आमने-सामने भिड़ंत में दोनों चालकों की दर्दनाक मौत

  • शनिवार को झांसी मिर्जापुर राष्ट्रीय राज्य मार्ग में बस और ट्रक की टक्कर हो गई.
  • टक्कर में कैंट डिपो के बस चालक की मौत हो जाने के बाद उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया.
  • इसके बाद परिजन शव ले जाने के लिए रोडवेज अधिकारियों की मिन्नत करते रहे.
  • शव के लिए अधिकारियों ने कोई भी एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं की.

अधिकारी शव के लिए बर्फ की व्यवस्था नहीं कर पाए-

  • बाद में डिपो के ही स्टोर वाहन से ही शव को बनारस भेजने की व्यवस्था की गई.
  • घंटों इंतजार बाद भी विभागीय अधिकारी वाहन में डीजल व शव के लिए बर्फ की व्यवस्था नहीं कर पाए.
  • उसके बाद नाराज परिजनों ने डिपो परिसर पर हंगामा शुरू कर दिया.
  • मौके में पहुंची मीडिया के दखल देने के बाद अधिकारियों ने प्राइवेट एम्बुलेंस की व्यवस्था की.
  • इस मामले के बाद रोडवेज की बड़ी लापरवाही सामने आई है.

क्षेत्रीय प्रबंधक के निर्देश अनुसार शव को स्टोर वाहन से भेजा जाना था, लेकिन गर्मी को देखते हुए हमने अपने स्टाफ के माध्यम से पैसों की व्यवस्था कर शव प्राइवेट एम्बुलेंस से भेजा.
-सीवी राम, एआरएम

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