महोबाः जिले में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से गांवों के विकास के लिए कई योजनाएं आ रही हैं. लेकिन प्रधानों की मनमानी की वजह से संचालित योजनायें गरीबों तक नहीं पहुंच पा रही हैं. सरकार का प्रयास था कि शौचालय और प्रधानमंत्री आवास योजना से गरीबों को छत मिल सके. लेकिन ये योजनाएं अब तक गरीबों और मजदूरों से दूर हैं. बात विकास और सफाई की करें तो गांव में घुसते ही कूड़े और गंदगी का अंबार लगा है.
विकास से कोसों दूर महोबा का गांव
एक ओर केंद्र सरकार गरीबों को आवास देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना चला रही है. तो वहीं कबरई विकास खण्ड के ग्राम किडारी में करीब 12 से ज्यादा ग्रामीण, जो आवास के योग्य हैं, उन्हें अभी तक आवास नहीं मिला है. वे कड़ाके की ठंड में तिरपाल के नीचे अपना गुजर-बसर कर रहे हैं. चुनाव के समय प्रतिनिधि बड़े-बड़े विकास के दावे करके चुनाव जीत जाते हैं, और उसके बाद सभी विकास के दावे हवा-हवाई हो जाते हैं. अब पंचायत चुनाव-2021 सिर पर है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में भावी प्रत्याशी वोटों के लिए जोड़तोड़ में लगे गये हैं, और जनता से एक बार फिर विकास की गंगा बहाने की बात कहकर अपना वोट पक्का करने की फिराक में जुट गये हैं.