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बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने के आंदोलन में कूदे यूपी के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह - तारा पाटकर

महोबा में बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने के आंदोलन का यूपी के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह (Former UP DGP Sulkhan Singh) भी हिस्सा बन गए हैं. बुंदेली समाज के काला दिवस कार्यक्रम (Bundeli community black day program) में शामिल हुए सुलखान ने अलग राज्य को जरूरी बताया. वहीं प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर पीएम मोदी को खून से खत लिख भी लिखा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 1, 2023, 7:59 PM IST

महोबा में बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने के लिए चल रहा है आंदोलन.

महोबा: बुंदेलखंड अलग राज्य आंदोलन में बुधवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह भी खुलकर आ गए. वे महोबा के आल्हा चौक पर बुंदेली समाज के काला दिवस कार्यक्रम में माथे पर काली पट्टी बांधकर शामिल हुए. आंदोलन कर रहे लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी को 34वीं बार खून से खत लिखकर अलग बुंदेलखंड राज्य की मांग दोहराई. पूर्व डीजीपी ने केंद्र सरकार से बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की मांग की.

प्रदर्शनकारियों ने पहने काले कपड़े, माथे पर बांधी काली पट्टी :महोबा में बुंदेली समाज आंदोलन कर बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की मांग रहा है. अब इस आंदोलन में यूपी के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह भी कूद पड़े हैं. बुधवार को आल्हा चौक के आंबेडकर पार्क में आयोजित कार्यक्रम में बुंदेली समाज के सदस्यों ने काले कपड़े पहने और माथे पर काली पट्टी बांधी. एक नवंबर 1956 के उस दिन को याद करते हुए कहा कि नेहरू सरकार की उस ऐतिहासिक भूल को सुधार कर फिर से बुंदेलखंड राज्य बहाल किया जाए. बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर बुंदेलखंडी ने कहा कि बुंदेलखंड देश के आजाद होने के 8 वर्ष 7 माह बाद तक अस्तित्व में था. नौगांव इसकी राजधानी थी. 1953 में बुंदेलखंड को राज्य बनाए रखने की प्रथम राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिश भी खारिज कर दी गई. आयोग के सदस्य हृदय नाथ कुंजरू और केएम पणिक्कर बुंदेलखंड राज्य को बनाए रखना चाहते थे. एक नवंबर 1956 को जब मध्यप्रदेश राज्य का गठन हुआ तो बुंदेलखंड को बांटकर भारत के नक्शे से मिटा दिया गया.

35 रियासतों को मिलाकर बनाया था बुंदेलखंड:बुंदेली समाज के लोगों ने कहा कि आजादी के वक्त संविधान सभा ने 35 रियासतों को मिलाकर बुंदेलखंड बनाया था. कामता प्रसाद सक्सेना पहले मुख्यमंत्री बने थे. कहा कि पीएम मोदी को बुंदेलखंड की जनता ने भरपूर समर्थन दिया है और अब उन्हें भी जनभावनाओं का सम्मान करते हुए बुंदेलखंड राज्य बना देना चाहिए. ताकि क्षेत्र को विकास की मुख्य धारा में लाया जा सके. सभी ने खून से खत लिखकर अलग राज्य दिए जाने की मांग की है.
वहीं पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने कहा कि पृथक राज्य बनाने के लिए बुंदेली समाज आंदोलन कर रहा है. अलग राज्य से ही यहां विकास और आर्थिक मजबूती मिलेगी. मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बंटे बुंदेलखंड की जरूरतें और संस्कृति एक जैसी है. इसका विकास राज्य बनकर ही संभव है. जिसके लिए केंद्र सरकार से अलग राज्य बनाने की मांग की जा रही है.

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