महोबा: पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाने वाले क्रेशर व विस्फोटक कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के बाद अब भ्रष्टाचार की परतें खुल रही हैं. मामले की जांच कर रही एसआईटी टीम को पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार के खिलाफ भ्रष्टाचार की एक और शिकायत मिली है.
कारोबारी केशव सविता ने पूर्व एसपी पर पांच लाख रुपये रिश्वत मांगने का बयान एसआईटी को दर्ज कराया. पीड़ित ने बताया कि तत्कालीन एसपी ने पैसे न देने पर विस्फोटक लदी गाड़ी बंद कर उसके व बेटे के खिलाफ अलग-अलग फर्जी मुकदमा दर्ज कराया था.
बता दें कि कबरई कस्बा निवासी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंपी गई है. पुलिस महानिदेशक के आदेश पर पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी विजय सिंह मीना के नेतृत्व में गठित तीन सदस्यीय टीम ने पुलिस लाइन में तमाम लोगों को अलग-अलग बुलाकर बयान दर्ज किए. साथ ही घटना के संबंध में जानकारी ली.
पहाड़ों में खनन के लिए उपयोग में लाये जाने वाले विस्फोटक के लाइसेंस धारक व्यापारी केशव सविता भी एसआईटी टीम के सामने बयान दर्ज कराने पहुंचे. वह अपने साथ सभी प्रकार के वैध कागजात भी ले गए और टीम को दिखाए.
व्यापारी केशव सविता, उसकी पत्नी सुधा, पुत्र मयंक व प्रदुम्म ने एसआईटी को बताया कि व्यापार चलाने के नाम पर तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार ने फरवरी माह में 5 लाख रुपये की मांग की थी. पैसे न भेजने पर 29 फरवरी को उनकी वैध विस्फोटक लदी गाड़ी को पकड़ ली और शहर कोतवाली में खड़ा कराते हुए विस्फोटक अधिनियम का मुकदमा दर्ज किया गया था. गाड़ी छोड़ने के एवज में 25 लाख की मांग की गई, मांग पूरी न करने पर केशव सविता को जेल भेज दिया गया.
इस घटना के दूसरे दिन केशव सविता के बेटे मयंक पर कबरई थाने में मुकदमा दर्ज किया गया. मयंक पर पुलिस टीम पर गाड़ी चढ़ाने के प्रयास का आरोप लगाते हुए जानलेवा हमले का फर्जी मुकदमा दर्ज हुआ. पीड़ित व्यापारी ने एसआईटी टीम को पूरे मामले से अवगत कराया. यह मामला भी जांच में अहम भूमिका निभाएगा. बता दें कि अब तक एसआईटी की जांच में संदिग्ध एक कॉन्स्टेबल अरुण यादव व एक एसआई राधेबाबू को सस्पेंड कर दिया गया है.
बता दें कि क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने एसपी मणिलाल पाटीदार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. इसके बाद योगी सरकार ने एसपी को निलंबित कर दिया था. एसपी के निलंबित होने के 24 घंटे के अंदर 8 सितंबर को इंद्रकांत को गोली मार दी गई थी. उनका शव कार के अंदर से मिला था, उनकी गर्दन में एक गोली लगी थी. बाद में इलाज के दौरान कारोबारी की मौत हो गई थी.