महोबाः किसानों ने जिले के चकबंदी अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाये हैं. उनका कहना है कि जमीन के चकों को मूल गाटे पर न बनाकर उन्हें उड़न चक बनाया जा रहा है. इसे सही कराने के एवज में अधिकारी वसूली कर रहे हैं. किसानों डीएम से न्याय की गुहार लगायी है.
चकबंदी विभाग के अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप
मामला महोबा के कुलपहाड़ तहसील का है. जहां चकबंदी विभाग ने क्षेत्र में चकबंदी प्रक्रिया प्रारम्भ की है. इसी को लेकर करीब 6 गांवों के लोगों ने चकबंदी विभाग के अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये हैं. ग्राम खिरिया बुजुर्ग के ग्रामीणों का आरोप है कि चकबंदी विभाग ने अधिकांश कृषकों के जमीनों के चकों को मूल गाटे पर न बनाकर उन्हें उड़न चक बना दिया है. जिसकी वजह से किसान खासे परेशान हैं. किसानों का आरोप है कि चकबंदी विभाग के अफसरों ने चक सही कराने के एवज में खुलेआम रुपयों की वसूली की है. अभी तक अफसरों ने किसानों से लाखों रुपये की वसूली की है. परेशान किसानों ने जिलाधिकारी सहित प्रदेश के अधिकारियों से चकबंदी प्रक्रिया को सही ढंग से कराने के साथ-साथ चकबंदी विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए चकबंदी को निरस्त करने की आवाज बुलंद की है.
एक पीड़ित किसान का कहना है कि करीब 90 फीसदी चकों को उड़न चक कर दिया गया है, जो बंजर जमीन है. उसमें बंजर की मालियत लगाई गयी है. हम लोगों का चक जंगल में बना दिया गया है. जिसकी मालियत भी 60 पैसे है.
वहीं, डीएम ने कहा कि कुलपहाड़ तलसील के ग्राम खिरिया बुजुर्ग में अभी चकबंदी प्रतिक्रिया शुरू की गयी है. इससे कुछ लोग असंतोष व्यक्त करते हुए हमारे पास आये हुए हैं. चकबंदी विभाग के अधिकारियों के साथ इनकी अभी बैठक कराकर सभी की बात सुनने को कहा गया है. इसके बाद गांव जाकर सभी अधिकारियों को जांचकर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है.