महोबा: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भले ही करप्शन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने की बात कर भ्रष्टाचार को खत्म करने की बात करते हों, लेकिन महोबा जिले में विद्युत विभाग में करप्शन के करंट की सप्लाई लगातार जारी है. यहां एक कर्मचारी ने करोड़ों रुपये के सरकारी राजस्व की हेराफेरी कर विभागीय अधिकारियों को मुश्किल में डाल दिया. मामला संज्ञान में आने के बाद विद्युत विभाग में हडकंप मच हुआ है. आनन-फानन में उच्चाधिकारियों ने अधीक्षण अभियंता के नेतृत्व में चार सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर मामले की जल्द जांच रिपोर्ट सौंपने और आरोपी कर्मचारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने आरोपी कर्मचारी के खिलाफ दो माह बाद भी कार्रवाई न करना अपने आप में सवाल खड़े कर रहा है.
17 करोड़ 57 लाख रुपये का गबन
महोबा जिले में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए बीते साल विस्फोटक कारोबारी इन्द्रकांत त्रिपाठी को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था, जिसके चलते आरोपी तत्कालीन एसपी महोबा मणिलाल पाटीदार सहित कई पुलिस कर्मियों पर मुकदमा पंजीकृत कराया गया. जिले के लोग अभी इन्द्रकांत त्रिपाठी मामला भूले भी नहीं थे कि अब विद्युत विभाग में टीजी-2 के पद पर तैनात कर्मचारी श्याम नारायण पर 17 करोड़ 57 लाख रुपये के सरकारी राजस्व का घोटाला करने के आरोप लगे हैं.