महोबा:जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे अपने बेटे की जान बचाने को एक बुजुर्ग मां ने उसके सभी जेवर बेच दिए, ताकि बेटे को किसी तरह से खून चढ़ सके और उसकी जान बच जाए. लेकिन ठगी का आलम यह है कि निजी तो छोड़िए, अब जिला अस्पताल में भी खुलेआम रिश्वत की मांग की जा रही है.
सरकारी अस्पताल में खून की जगह ग्लूकोज की बोतल में लाल रंग डालकर चढ़ाया जा रहा है. ताजा मामला महोबा के जिला अस्पताल का है. जिला अस्पताल में बीमार बेटे को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराने वाली बुजुर्ग मां से जब चिकित्सक ने खून की व्यवस्था करने को कहा तो पहले उसने लोगों के बताए जगहों पर खून की तलाश की, लेकिन जब कही से खून की व्यवस्था नहीं हुई.
तो वो आखिरकार परेशान होकर अस्पताल लौट आई. ऐसे में अस्पताल में तैनात एक महिला स्वास्थ्यकर्मी ने बुजुर्ग महिला से खून की व्यवस्था कराने के नाम पर उससे 5 हजार रुपये की मांग की और जब बुजुर्ग इसके लिए तैयार हो गई तो रुपये लेकर खून की जगह ग्लूकोस की बोतल में लाल रंग डालकर चढ़ा दिया गया. फिलहाल, अब भी पीड़िता का बेटा जिला अस्पताल में भर्ती है और उसे खून की सख्त जरूरत है. जिला अस्पताल की इस घटना ने एक बार फिर से यूपी में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है. भले ही सूबे की योगी सरकार चरमराई स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने की कोशिश कर रही है, लेकिन अस्पताल में तैनात स्वास्थ्यकर्मी मरीजों की मदद करने के बजाय उसने पैसे ऐंठने में मशगूल हैं. यही नहीं अब तो खुलेआम रिश्वत की मांग भी की जा रही है.
मिली जानकारी के मुताबिक, जनपद के श्रीनगर थाना क्षेत्र के भड़रा ग्राम निवासी रामकुमारी देवी अपने बीमार बटे जुगल की इलाज के लिए उसे बीते सोमवार को जिला अस्पताल में लेकर आई थीं. इसके बाद अस्पताल में मौजूद चिकित्सक ने बुजुर्ग महिला से तत्काल खून चढ़ाने की बात कही. बुजर्ग महिला से अस्पताल की ओर से कहा गया कि उसके बेटे को जिस ग्रुप के खून की जरूरत है, वह उपलब्ध नहीं है. इस बात को लेकर महिला परेशान हो गई. आरोप है कि जिला अस्पताल में तैनात महिला स्वास्थ्यकर्मी राजकुमारी ने इसी बात का फायदा उठाकर पीड़ित महिला से खून के एवज में 5000 रुपये ऐंठ लिए. रुपये लेन के बाद महिला स्वास्थ्यकर्मी ने पीड़िता को भरोसा दिलाया कि उसके बेटे को खून चढ़ा दिया जाएगा. लेकिन स्वास्थ्यकर्मी ने मरीज को खून के स्थान पर ग्लूकोज में लाल रंग का इंजेक्शन मिलाकर चढ़ा दिया.