महोबा: जिले में आज कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्वच्छता समिति की बैठक सम्पन्न हुई है. जिलाधिकारी ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम के तहत कराए गए कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि जनपद के सभी 429 ग्रामों को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है. इसका मंडलीय सत्यापन भी हो चुका है, फिर भी गांवों में लोग सड़कों के किनारे खुले में शौच करते देखे जा सकते हैं. यह कृत्य ओडीएफ मिशन को असफल बना रहा है.
महोबा: DM ने कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्वच्छता समिति की बैठक की
महोबा में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्वच्छता समिति की बैठक सम्पन्न हुई. ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम के तहत कराए गए कार्यों की समीक्षा की गई. जिलाधिकारी ने डीपीआरओ को कई निर्देश भी दिए.
जिलाधिकारी अवधेश कुमार तिवारी ने कहा कि ग्राम स्तर पर प्लास्टिक व पॉलिथीन, ठोस और तरल कूड़े का प्रबंधन स्थाई रूप से नहीं किया जा रहा है और शिकायत मिलती है कि सफ़ाईकर्मी नियमित रूप से गांवों में सफ़ाई नहीं करते हैं. यह घोर आपत्ति का विषय है, जबकि सरकार लगातार सभी को शौचालय उपलब्ध करा रही है. इसलिए ग्राम प्रधान ग्राम स्वच्छता समिति की बैठक कर यह सुनिश्चित करें कि कोई भी खुले में शौच न करे और ग्रामीण लोगों को स्वच्छता की शपथ दिलाएं कि वे अपने-अपने शौचालय में ही शौच करें. साथ ही गोबर, कूड़े और अन्य चीजों को इधर-उधर न फेकें, बल्कि गांव में चिन्हित जगह पर ही कूड़ा डिस्पोज किया जाए.
जिलाधिकारी ने डीपीआरओ को दिए निर्देश
जिलाधिकारी ने डीपीआरओ संतोष कुमार को निर्देश दिया कि गांव-गांव अभियान चलाकर ग्राम पंचायतों को पॉलिथीन मुक्त करायें और सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करायें. साथ ही प्रत्येक ग्राम पंचायत में सूखे और गीले कचरे के निपटान के लिए खाद्य और सोख्ता गड्ढे का निर्माण करायें. उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि एनओएलबी अंतर्गत लक्ष्य के सापेक्ष निर्मित शौचालयों की अभी भी 998 जिओ टैगिंग अवशेष है. जिलाधिकारी ने बताया कि 273 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया जाना है, जिनमें से अभी तक मात्र 35 का कार्य पूर्ण हुआ है. 53 निर्माणाधीन हैं और 185 पर अभी कार्य प्रारंभ भी नहीं हुआ है. उन्होंने निर्देश दिया कि जिम्मेदार इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर समय पर कराएं. साथ ही गुणवत्ता का ध्यान रखें.