महोबा: दीपावली का पावन पर्व खुशियों का पल होता है. ऐसे में हर कोई अपने घर आंगन को दीयों से जगमगाते हुए अपने घर को सजाता है. जिसके लिए हर कोई बाजार से कुम्हारों द्वारा बनाए गए दीयों को खरीद कर लाता है. लेकिन महोबा में दिव्यांगों द्वारा ऐसी पहल की जा रही है. जिससे हर कोई खुशी जाहिर करते हुए उनके द्वारा बनाए गए दीयों को खरीद रहें हैं. जिले के दिव्यांग बच्चों द्वारा गाय के गोबर से दीपों के पर्व दीपावली के मौके पर दीपक और देवी प्रतिमाएं बनाई जा रही है. दिव्यांगों द्वारा बनाए गए दीपक जिले भर में चर्चा का विषय बने हुए हैं.
बुन्देलखण्ड के सबसे पिछड़े इलाके महोबा जिले में दिव्यांगों द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के नारे को सार्थक करने का प्रयास किया गया. दिव्यांगों ने आत्मनिर्भर बनने की मिसाल पेश कर महोबा जिले ही नहीं पूरे देश के लोगों को प्रेरित करने का काम किया है.
जिला मुख्यालय के बंधान वार्ड मोहल्ले में संचालित बुन्देलखण्ड सोसायटी फॉर रूरल डेवलपमेंट में 18 से ज्यादा दिव्यांग बच्चों द्वारा दीपोत्सव के पर्व को लेकर गाय के गोबर से दीए बनाए जा रहे हैं. इससे जहां एक तरफ दिव्यांग बच्चों सहित बेरोजगार लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ लोगों को चाइनीज झालर छोड़ भारतीय संस्कृति के अनुसार त्योहार मनाने का मौके मिल रहा है.