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महोबा में दिव्यांग बच्चे गाय के गोबर से बने दीयों में भर रहें हैं खुशियों के रंग - deepawali 2021

महोबा में दिव्यांगों द्वारा ऐसी पहल की जा रही है. जिससे हर कोई खुशी जाहिर करते हुए उनके द्वारा बनाए गए दीयों को खरीद रहें हैं. दिव्यांगों द्वारा गाय के गोबर से दीये बनाए हैं. यही नहीं दीयों को इतनी खूबसूरती से बनाया गया है कि जो भी देखता है वह मानता ही नहीं है यह दीये गोबर के बने हुए है.

गोबर से दिए बनाकर दिव्यांग कर रहे उजालागोबर से दिए बनाकर दिव्यांग कर रहे उजाला
गोबर से दिए बनाकर दिव्यांग कर रहे उजाला

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Published : Nov 4, 2021, 10:57 AM IST

महोबा: दीपावली का पावन पर्व खुशियों का पल होता है. ऐसे में हर कोई अपने घर आंगन को दीयों से जगमगाते हुए अपने घर को सजाता है. जिसके लिए हर कोई बाजार से कुम्हारों द्वारा बनाए गए दीयों को खरीद कर लाता है. लेकिन महोबा में दिव्यांगों द्वारा ऐसी पहल की जा रही है. जिससे हर कोई खुशी जाहिर करते हुए उनके द्वारा बनाए गए दीयों को खरीद रहें हैं. जिले के दिव्यांग बच्चों द्वारा गाय के गोबर से दीपों के पर्व दीपावली के मौके पर दीपक और देवी प्रतिमाएं बनाई जा रही है. दिव्यांगों द्वारा बनाए गए दीपक जिले भर में चर्चा का विषय बने हुए हैं.

बुन्देलखण्ड के सबसे पिछड़े इलाके महोबा जिले में दिव्यांगों द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के नारे को सार्थक करने का प्रयास किया गया. दिव्यांगों ने आत्मनिर्भर बनने की मिसाल पेश कर महोबा जिले ही नहीं पूरे देश के लोगों को प्रेरित करने का काम किया है.

गोबर से दिए बनाकर दिव्यांग कर रहे उजाला

जिला मुख्यालय के बंधान वार्ड मोहल्ले में संचालित बुन्देलखण्ड सोसायटी फॉर रूरल डेवलपमेंट में 18 से ज्यादा दिव्यांग बच्चों द्वारा दीपोत्सव के पर्व को लेकर गाय के गोबर से दीए बनाए जा रहे हैं. इससे जहां एक तरफ दिव्यांग बच्चों सहित बेरोजगार लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ लोगों को चाइनीज झालर छोड़ भारतीय संस्कृति के अनुसार त्योहार मनाने का मौके मिल रहा है.

गोबर से दिए बनाकर दिव्यांग कर रहे उजाला

दीए को बनाने वालो ने बताया कि इसके लिए सबसे पहले गाय के गोबर, गोमूत्र , शहद, देसी घी सहित अन्य पदार्थों को इसमें मिलाया जाता है. उसके बाद जब यह तैयार हो जाते है.तब बच्चों को यह दीये भेजें जातें हैं. इसके बाद दिव्यागों द्वारा इस में रंग भरे जाते हैं. दीयों को बनाने वाले बच्चे किसी न किसी प्रकार से दिव्यांग है.

गोबर से दिए बनाकर दिव्यांग कर रहे उजाला

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दरअसल, बुन्देलखण्ड सोसायटी फॉर रूरल डेवलपमेंट के प्रबंधक आकाश राय खुद उत्तर प्रदेश राज्य सलाहकार बोर्ड दिव्यांग जन सशक्तिकरण के सदस्य हैं, जो कि दिव्यांग जनों को लगातार प्रेरित करने का प्रयास करते चले आ रहे हैं.

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