महोबा: बकस्वाहा जंगल (Buxwaha forest) को बचाने के लिए मुहिम तेज कर दी गई है. उत्तर प्रदेश में लोग अलग-अलग तरीके से जंगल को बचाने के लिए मुहिम से जुड़ रहे हैं. सरकारों से जंगल बचाने को गुहार लगा रहे हैं. बुंदेली समाज द्वारा देश के प्रधानमंत्री सहित सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तक को खून से खत लिख बकस्वाहा जंगल को बचाने (save Buxwaha forest) की मांग की जा चुकी है. बुंदेलों ने जंगल को बचाने के लिए हवन-पूजन शुरू कर दिया है.
बकस्वाहा जंगल बचाने को लेकर उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में मुहिम तेज होती जा रही है. दर्जनों सामाजिक संगठन अलग-अलग तरीकों से जंगल बचाने की मुहिम से जुड़ कर सरकारों से हीरों का लालच छोड़ बकस्वाहा जंगल बचाने की गुहार लगा रहे हैं. जंगल बचाने की मुहिम से बुंदेली समाज ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को खून से खत लिख बकस्वाहा जंगल को बचाने की मांग की. उसके बाद पेड़ों को रक्षासूत्र बांधकर उनको बचाने का संकल्प लिया. लेकिन, जब सरकारों की तरफ से जंगल बचाने की कोई उम्मीद नजर नहीं आई, तब थक हारकर बुंदेलों ने भगवान की अदालत में जंगल बचाने की गुहार लगाई है.
बुंदेलों ने सबसे पहले हवन पूजन महोबा के ऐतिहासिक गोरखगिरि पर्वत में दो हजार फिट की ऊंचाई पर स्थित गोरखेश्वर महादेव की गुफा में बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर के नेतृत्व अपने साथियों के साथ किया.