महोबा: जिले में भी प्रतिदिन सैकड़ों लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं. जबकि 30 से ज्यादा लोग जानलेवा संक्रमण से अपनी जान गंवा चुके हैं. ऐसे में जिले के स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही की एक और तस्वीर सामने आई है. बीते साल शासन द्वारा जिला अस्पताल को मिले 6 वेंटिलेटर अस्पताल के एक कोने में रखे धूल फांक रहे हैं. एक साल बीतने के बाद भी एक भी वेंटिलेटर चालू नहीं किया गया है. रखरखाव ठीक से न होने के चलते वेंटिलेटर में धूल जम गई है. गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर की सुविधा न मिलने पर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल प्रबंधन की माने तो वेंटिलेटर चलाने के लिए जिले में ऑपरेटर न होना इसकी मुख्य वजह है.
जिला चिकित्सालय में वेंटिलेटर की नहीं मिल रही सुविधा
जिले में कोरोना संक्रमण का कहर तेजी से फैल रहा है. जिले में साढ़े 3 हजार से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमण का शिकार हो चुके हैं. नार्मल संक्रमित मरीजों को छोड़कर गंभीर मरीजों को महोबा और श्रीनगर के एल -1 और एल-2 अस्पताल में भर्ती कराया गया है. कोरोना संक्रमित मरीजों को सबसे ज्यादा समस्या सांस लेने में होती है. ऐसे में मरीजों को ऑक्सीजन की बेहद जरूरत होती है और मरीजों के प्राण बचाने के लिए आए दिन वेंटिलेटर की आवश्यकता होती है. शासन द्वारा बीते साल जिला चिकित्सालय महोबा में 6 वेंटिलेटर भेजे गए थे, जो अब आईसीयू वार्ड के स्टोर रूम की शोभा बढ़ाने के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं.