लखनऊ : उत्तर प्रदेश पावर काॅरपोरेशन के चेयरमैन डॉ आशीष गोयल ने कहा कि 'ग्रामीण इलाकों के उपभोक्ताओं को बिजली बिल जमा करने में सुविधा देने के लिए उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन की तरफ से ऑनलाइन भुगतान को बढ़ावा दिया जायेगा. इसमें बिलिंग एजेंसियों को लगाया जायेगा. वे उपभोक्ताओं को खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में क्यूआर कोड सहित अन्य ऑनलाइन भुगतान की प्रक्रिया की जानकारी देंगी. उपभोक्ताओं को ऑनलाइन भुगतान की प्रक्रिया सिखाने के लिये बिलिंग एजेंसियों को इनसेंटिव भी दिया जायेगा. बिलिंग के साथ ही बिलिंग एजेंसी को अब राजस्व कलेक्शन की भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. उत्तर प्रदेश की बिलिंग एजेंसियों के कार्यों की समीक्षा बैठक में गुरुवार को कारपोरेशन अध्यक्ष डा. आशीष कुमार गोयल ने बिलिंग एजेंसियों के जमकर पेंच कसे.
ग्रामीण उपभोक्ताओं को ऑनलाइन बिल जमा करना होगा आसान, एजेंसियों को दी गई यह जिम्मेदारी - बिल जमा करना होगा आसान
यूपी के ग्रामीण उपभोक्ताओं को भी ऑनलाइन बिजली का बिल जमा करने की सुविधा दी जाएगी. यूपीपीसीएल के चेयरमैन ने कहा कि 'बिलिंग एजेंसी को अब राजस्व कलेक्शन की भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.'
उन्होंने कहा कि 'आपका काम उपभोक्ताओं को सही रीडिंग का बिल देना और उनसे बिल के सापेक्ष मूल्य वसूलना है. आपको प्रतिमाह अधिक से अधिक उपभोक्ता से राजस्व प्राप्त करना है. इसके लिये ग्रामीण के उपभोक्ताओं से सम्पर्क करके उनको सही बिल दीजिये और राजस्व वसूलिये. अध्यक्ष ने कहा कि प्रत्येक एजेंसी अपने मीटर रीडरों की रेटिंग का निर्धारण करें उनके लिये प्रोत्साहन स्कीम लेकर आयें, जिससे अच्छे कार्य करने वाले मीटर रीडरों को प्रोत्साहित किया जा सके. उन्होंने निर्देशित किया कि मीटर रीडर को प्रशिक्षण दीजिये. उनकी योग्यता और क्षमता बढ़ाने के लिये प्रयास करिये. अध्यक्ष ने कहा कि मीटर रीडरों की बीट बदलते रहिये जिससे उनके कार्यों में सुधार होगा और अनियमित्ताओं की सम्भावना कम होगी. अध्यक्ष ने कहा कि जो एजेंसियां अच्छा कार्य करेंगी, बड़ा लक्ष्य रखेंगी वही साथ चल पायेंगी. उन्हें प्रोत्साहित भी किया जायेगा. पावर कारपोरेशन के जनसंपर्क अधिकारी अखिलेश सिंह ने बताया कि 'बैठक में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के प्रबन्ध निदेशक पंकज कुमार और वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा प्रदेश भर में कार्य करने वाली बिलिंग एजेंसियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.'
'जांच का विषय' : उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने कहा उपभोक्ता परिषद की तरफ से मांग की गई है कि यूपीपीसीएल प्रबंधन सभी उन जनपदों की जांच कराए जहां पर विद्युत उपभोक्ताओं की सप्लाई टाइप चेंज करके उन्हें ग्रामीण की जगह शहरी बिलिंग पर करते हुए वसूली की जा रही है. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि खास तौर पर पूरे प्रदेश में 636 आईपीडीएस टाउन की जांच कराया जाना बहुत जरूरी है, क्योंकि ज्यादातर आईपीडीएस टाउन में ग्रामीण की जगह शहरी बिलिंग की संभावना है. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग पहले ही फैसला कर चुका है कि विद्युत आपूर्ति अधिक दे देने मात्र से किसी भी क्षेत्र की बिलिंग शहरी नहीं की जा सकती. मैनपुरी की घटना का खुलासा होने के बाद सोशल मीडिया के माध्यम से प्रदेश के अनेकों जनपदों से उपभोक्ता ट्विटर फेसबुक पर शिकायत कर रहे हैं कि उनके क्षेत्र में भी शहरी बिलिंग की जा रही है, जबकि वह ग्रामीण परिवेश में रहते हैं. मैनपुरी की जो घटना सामने आई है उसमें ग्रामीण विद्युत आपूर्ति होते हुए भी सॉफ्टवेयर में कैसे बदलाव किया गया और विद्युत नियामक आयोग की तरफ से लागू ग्रामीण टैरिफ में शहरी दर को लागू कर दी गई. अधिक वसूली यह सॉफ्टवेयर टेंपरिंग का बड़ा मामला है. ऐसे में कभी भी उपभोक्ताओं को सॉफ्टवेयर के माध्यम से शिकार बनाया जा सकता है. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा यह मामला बहुत गंभीर है. इस पर पावर कारपोरेशन प्रबंधन जिस प्रकार से चुप्पी साधे रहा वह जांच का विषय है.