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महाराजगंज में शिक्षकों का सदर बीआरसी दफ्तर पर हंगामा, ये थी वजह - महाराजगंज की न्यूज

महाराजगंज में शिक्षकों ने सदर बीआरसी दफ्तर पर जमकर हंगामा किया. आखिर इसकी वजह क्या थी चलिए जानते हैं.

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Published : Aug 13, 2023, 1:07 PM IST

Updated : Aug 13, 2023, 2:02 PM IST

महाराजगंज में शिक्षकों ने सदर बीआरसी दफ्तर पर हंगामा किया.

महराजगंज:प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत 69 हजार भर्ती वाले शिक्षकों को कार्यमुक्त करने के अंतिम दिन सदर बीआरसी में जानबूझ कर देरी करने से शिक्षकों का सब्र टूट गया. छोटे बच्चों को गोद में लेकर कुछ महिला शिक्षिका असहाय हालत में सुबकने लगीं. बीमार शिक्षक भी परेशान थे. देर शाम तक कार्यमुक्त नहीं किए जाने की सूचना मिलते ही उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष व सदर ब्लॉक अध्यक्ष बैजनाथ सिंह, जनपदीय संयुक्त मंत्री व सदर ब्लॉक मंत्री अखिलेश पाठक बीआरसी पहुंचे. इस दौरान उनकी अफसरों से बहस हुई. शिक्षकों ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे के बाद स्थानांतरित शिक्षकों को कार्यमुक्त कर दिया गया.

अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण में सदर ब्लॉक में 69 हजार भर्ती के 22 शिक्षकों को सदर बीआरसी कार्यमुक्त से किया जाना था. शासन के निर्देश पर कार्यमुक्त होने के अंतिम दिन स्थानांतरित शिक्षक विद्यालय पर पढ़ाने के बाद छुट्टी होने पर स्कूल से प्रधानाध्यापक से कार्यमुक्त का प्रमाण पत्र लेकर अपराह्न सवा दो बजे से तीन बजे के बीच सदर बीआरसी दफ्तर पहुंच गए.

शनिवार को कार्यमुक्त होने का अंतिम दिन था. शाम साढ़े सात बजे तक सदर बीआरसी पर शिक्षक कार्यमुक्त नहीं हो पाए थे. खंड शिक्षा अधिकारी पर यह आरोप लगा कि वह मेडिकल अवकाश को फिटनेस देने के बाद भी अप्रूव नहीं कर रहे थे, उसे रोके हुए थे.

शिक्षकों का कहना है कि फिटनेस चिकित्सक देते हैं. उसका प्रमाण पत्र भी है. बीईओ के आनाकानी पर शिक्षक परेशान हो गए. मामला संज्ञान में आने के बाद सदर ब्लॉक अध्यक्ष बैजनाथ सिंह, सदर ब्लॉक मंत्री अखिलेश पाठक सदर बीआरसी पहुंचे. अध्यक्ष बैजनाथ सिंह ने बीईओ से कार्यमुक्त करने में विलंब का वजह पूछी. कहा कि कार्यमुक्त करने में सबसे पहले महिलाओं व बीमार शिक्षकों को प्राथमिकता देनी चाहिए. सब डॉक्यूमेंट विभाग के पास हैं. बीआरसी को अपने पॉवर का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए.

सदर ब्लॉक मंत्री अखिलेश पाठक ने बीईओ को नियमों को याद दिलाया. कहा कि आप आम हम एक ही नियम कानून से जुड़े हैं. शिक्षकों को बेवजह परेशान किया जाएगा तो संगठन चुप नहीं रहेगा. कार्यमुक्त करने के नाम पर धन सुविधा शुल्क मांगने के आरोप पर सदर बीईओ ने कहा कि यह सरासर गलत है. शिक्षकों ने नाराजगी जतानी शुरू कर दी. इसके महज पांच मिनट बाद शिक्षकों को कार्यमुक्त कर दिया गया. वहीं, बीएसए कार्यालय पर देर रात तक शिक्षकों को कार्यमुक्त करने की कार्रवाई चल रही थी. बीएसए श्रवण कुमार गुप्त कार्यालय में बिना थके शिक्षकों के कार्यमुक्त होने की पत्रावली का अंतिम परीक्षण कर रिलीव होने का प्रमाण पत्र जारी किया जाता रहा.

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Last Updated : Aug 13, 2023, 2:02 PM IST

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