महराजगंज:प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत 69 हजार भर्ती वाले शिक्षकों को कार्यमुक्त करने के अंतिम दिन सदर बीआरसी में जानबूझ कर देरी करने से शिक्षकों का सब्र टूट गया. छोटे बच्चों को गोद में लेकर कुछ महिला शिक्षिका असहाय हालत में सुबकने लगीं. बीमार शिक्षक भी परेशान थे. देर शाम तक कार्यमुक्त नहीं किए जाने की सूचना मिलते ही उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष व सदर ब्लॉक अध्यक्ष बैजनाथ सिंह, जनपदीय संयुक्त मंत्री व सदर ब्लॉक मंत्री अखिलेश पाठक बीआरसी पहुंचे. इस दौरान उनकी अफसरों से बहस हुई. शिक्षकों ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे के बाद स्थानांतरित शिक्षकों को कार्यमुक्त कर दिया गया.
अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण में सदर ब्लॉक में 69 हजार भर्ती के 22 शिक्षकों को सदर बीआरसी कार्यमुक्त से किया जाना था. शासन के निर्देश पर कार्यमुक्त होने के अंतिम दिन स्थानांतरित शिक्षक विद्यालय पर पढ़ाने के बाद छुट्टी होने पर स्कूल से प्रधानाध्यापक से कार्यमुक्त का प्रमाण पत्र लेकर अपराह्न सवा दो बजे से तीन बजे के बीच सदर बीआरसी दफ्तर पहुंच गए.
शनिवार को कार्यमुक्त होने का अंतिम दिन था. शाम साढ़े सात बजे तक सदर बीआरसी पर शिक्षक कार्यमुक्त नहीं हो पाए थे. खंड शिक्षा अधिकारी पर यह आरोप लगा कि वह मेडिकल अवकाश को फिटनेस देने के बाद भी अप्रूव नहीं कर रहे थे, उसे रोके हुए थे.
शिक्षकों का कहना है कि फिटनेस चिकित्सक देते हैं. उसका प्रमाण पत्र भी है. बीईओ के आनाकानी पर शिक्षक परेशान हो गए. मामला संज्ञान में आने के बाद सदर ब्लॉक अध्यक्ष बैजनाथ सिंह, सदर ब्लॉक मंत्री अखिलेश पाठक सदर बीआरसी पहुंचे. अध्यक्ष बैजनाथ सिंह ने बीईओ से कार्यमुक्त करने में विलंब का वजह पूछी. कहा कि कार्यमुक्त करने में सबसे पहले महिलाओं व बीमार शिक्षकों को प्राथमिकता देनी चाहिए. सब डॉक्यूमेंट विभाग के पास हैं. बीआरसी को अपने पॉवर का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए.