महाराजगंज: घने कोहरे और मांस गला देने वाली ठंड में घर से बाहर कौन निकलना चाहता है. इसी कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के बीच युवाओं की एक टोली निकलती है, जिसका मकसद भूखों को रोटी और प्यासे को पानी देना है.
किसी अनजाने शहर में आपको कोई मददगार मिल जाए तो वो किसी फरिश्ते से कम नही हो सकता. जिले में इन दिनों युवाओं की एक टोली रोटी बैंक के नाम से प्रतिदिन निकलती है और हर उस गरीब असहाय मजबूर लोगों की मदद करती है. इनका कहना है कि "रोटी बैंक का नारा कोई भूखा न सोये हमारा" यह लोग प्रतिदिन पांच से छह की संख्या में नगर के मेन तिराहे से लेकर बस स्टैंड, मंदिर परिसर और रैन बसेरों में जाकर भूखे को भोजन और प्यासे को पानी पिलाते हैं." कुछ ऐसे दिव्यांग और मानसिक रूप से विकार लोग इनसे प्रतिदिन भोजन लेते हैं.