14 फरवरी 2019 को कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर हुए हमले में महराजगंज के फरेंदा क्षेत्र के हरपुर बिलैया निवासी पंकज त्रिपाठी भी शहीद हुए थे. शहीद पंकज सीआरपीएफ में चालक के पद पर तैनात थे. आज पुलवामा अटैक की बरसी पर उन्हें याद करते हुए परिवार के लोगों को जेहन में वहीं मंजर दोबारा दिखाई देता है.
शहीद के पिता का कहना है कि उनका एक बेटा तो देश के लिए शहीद हो गया लेकिन दूसरे बेटे को भी सेना में भेजने के लिए तैयार हैं. जब पंकज शहीद हुए तो उनकी पत्नी गर्भवती थी और कुछ दिनों बाद ही उनके घर बेटी ने जन्म लिया.
पत्नी ने बयां किया दर्द
पत्नी द्वारा शहीद पंकज के बारे में बताते हुए उनकी आंखें नम हो जाती है. शहीद पंकज की पत्नी बताती हैं कि पुलवामा हमले के बाद देर रात सीआरपीएफ कमांडेंट ने पहले फोन कर पिता ओम प्रकाश त्रिपाठी को शहीद पंकज के लापता होने की सूचना दी. फिर अगले दिन सुबह उनके शहादत की खबर घर पहुंची. एक साल बीत जाने के बाद भी शहीद की पत्नी चाहती हैं पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया जाए, जिससे फिर कभी इस तरह की घटना न हो सके.
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शहीद की पत्नी को मिली सरकारी नौकरी
शहीद पंकज त्रिपाठी की पत्नी रोहिणी को राज्य सरकार ने सरकारी नौकरी देने का वादा किया था. जिसके तहत रोहिणी ने पहले लक्ष्मीपुर ब्लाक में कनिष्ठ सहायक पद पर कार्यभार ग्रहण किया, फिर कार्यस्थल घर से दूर होने के कारण रोहिणी ने शासन को पत्र लिखकर अपना स्थानांतरण फरेंदा ब्लॉक में करवा लिया. अभी वह फरेंदा ब्लॉक में सेवा दे रही हैं.
शहीद के पिता ने कहा दूसरा बेटा भी सेना में जाने को तैयार