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महराजगंज: इस बार भाइयों को राखी बांधने नेपाल नहीं जा पाएंगी बहनें, जानें वजह

रक्षाबंधन का पर्व इस बार नेपाल के सीमावर्ती इलाकों के जिलों की बहनों को मायूस करने वाला है. कोरोना वायरस के चलते सीमाएं सील होने के कारण महराजगंज जिले में बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए नेपाल नहीं जा पाएंगी.

nepali sisters will not be able to tie rakhi
नेपाली बहनें नहीं बांध पाएंगी भाइयों को राखी.

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Published : Aug 2, 2020, 7:16 PM IST

महराजगंज: कोरोना महामारी के चलते पिछले चार महीने से भारत-नेपाल की सीमाएं सील कर दी गई हैं. ऐसे में बहनें रक्षाबंधन के अवसर पर भाइयों को राखी बांधने नेपाल से भारत या भारत से नेपाल नहीं आ-जा पाएंगी. इससे सीमा से सटे क्षेत्रों की बहनें मायूस हैं. इन बहनों का कहना है कि भारत और नेपाल का सम्बन्ध रोटी-बेटी का है. उन्होंने भारत और नेपाल की सरकारों से मांग की है कि रक्षाबंधन के दिन बॉर्डर को खोल दिया जाए, जिससे उनके भाइयों की कलाई सूनी न रहे.

बहनों से सरकार से लगाई

रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर इस पर्व को बड़े धूमधाम से मनाती हैं, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते भारत-नेपाल सीमा सील होने के कारण हजारों बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी नहीं बांध पाएंगी.

यूं तो कहा जाता है कि भारत और नेपाल का सम्बन्ध रोटी और बेटी का है. नेपाल की लड़कियों की शादी भारत में तो भारत की लड़कियों की शादी नेपाल में हुई है, लेकिन इस बार बॉर्डर सील होने के कारण दोनों देशों की बहनें अपने-अपने भाइयों को राखी नहीं बांध पाएंगी. हर साल रक्षाबंधन के मौके पर भाई-बहन भारत व नेपाल आते-जाते रहे हैं, लेकिन ऐसा पहली बार होगा, जब वे सीमा नहीं पार कर पाएंगी. भारत-नेपाल के बीच तनाव और कोरोना के कारण सीमा का सील होना इसकी मुख्य वजह है

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लॉकडाउन के बाद दोनों देशों की सरकारों ने बॉर्डर को सील कर दिया है, लेकिन रक्षाबंधन पर्व के अवसर पर सीमावर्ती लोगों का कहना है कि कम से कम पर कम रक्षाबंधन पर्व को देखते हुए उस दिन बॉर्डर को खोल दिया जाए, जिससे सदियों से चली आ रही परंपरा बनी रहेगी और दोनों देशों की संस्कृति व संबंधों को मजबूती भी मिलेगी.

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