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शादीशुदा जीजा-साली ने लिए सात फेरे, ले उड़े 'सरकारी दहेज' - महराजगंज समाज कल्याण

समाज कल्याण विभाग की लापरवाही से महराजगंज जिले में शादीशुदा जीजा-साली (Married Jija Sali Ne Liye Saat Phere) ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह (Chief Minister Samuhik Vivah Yojna) में शादी कर ली. साथ ही नवदंपति को मिलने वाली राशि और सामन लेकर चंपत हो गए. फोटो वायरल होने पर मामला प्रकाश में आया. अब समाज कल्याण विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.

शादीशुदा जीजा-साली ने लिए सात फेरे.
शादीशुदा जीजा-साली ने लिए सात फेरे.

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Published : Oct 22, 2021, 10:14 AM IST

महराजगंज: जिले के जिम्मेदार अधिकारी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में किस तरह से पलीता लगा रहे हैं. इसका अंदाजा समाज कल्याण विभाग की लापरवाही से हुए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह (Chief Minister Samuhik Vivah Yojna) में शादीशुदा जीजा-साली (Married Jija Sali) द्वारा रचाई गई शादी से लगाया जा सकता है. जिसका वीडियो 10 दिनों बाद सोशल मीडिया पर वायरल होने पर जहां समाज कल्याण विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं समाज कल्याण अधिकारी अब कार्रवाई की बात कह रहे हैं.



प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत 13 अक्टूबर को जिले के लक्ष्मी लॉन में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया गया था. जिसमें जिले के 233 जोड़ों का इस समारोह में सामूहिक विवाह उनके धर्म और रीति रिवाज के हिसाब से कराया गया था. वर-वधु को आशीर्वाद देने के लिए इस शादी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में जिले के सांसद और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी मौजूद रहे. साथ ही विधायक और जिलाधिकारी सहित जिले के सभी अधिकारी भी मौजूद थे. शासनादेश के तहत वर-वधू को निर्धारित अनुदान और उपहार गिफ्ट के साथ ही उनके सुखमय जीवन के लिए आशीर्वाद दिया गया था.

जीजा है बच्चों का बाप

मुख्यमंत्री के इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम में कोल्हुई थाना क्षेत्र के ग्राम सभा बड़िहारी निवासी एक शादीशुदा व्यक्ति अमरनाथ चौधरी द्वारा विवाहित साली से सरकारी अनुदान के लिए विवाह कर लिया. जब दोनों का फोटो और वीडियों सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो पूरा मामला सामने आ गया. पता चला कि दोनों मिलकर सरकारी अनुदान के लिए विवाह कर लिए थे. इस शादीशुदा जोड़े के बच्चे भी हैं, लेकिन इसके बाद भी सामूहिक विवाह योजना के तहत शादी के लिए पंजीकरण करा लिया और साली से शादी भी रचा ली. शादी समारोह में मिले उपहार को भी उठा लाया. मामला प्रकाश में आने के बाद समाज कल्याण विभाग में हड़कंप मच गया है और जिम्मेदार अधिकारी इस पूरे मामले में जांच कर कार्रवाई की बात कह रहे हैं.

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गरीब बेटियों के हाथ पीले कराने के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत शादी कराई जाती है. जिसमें नवविवाहित जोड़े को 51 हजार रुपये का लाभ दिया जाता है. जिसमें से लाभार्थी को 10 हजार रुपये नकद, 6 हजार रुपये का सामान और शादी में खर्च और 3500 हजार रुपये उनके खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर किए जाते हैं. पंजीकरण के बाद इसका सत्यापन कराया जाता है कि जोड़ा पात्र है या नहीं. इसके बाद भी शादीशुदा जीजा-साली के द्वारा शादी रचाने के मामले ने जिम्मेदारों की बेचैनी बढ़ा दी है.

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