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686 करोड़ रुपए की अवैध नशीली दवाओं का भंडारण करने वाला मुख्य आरोपी गिरफ्तार

महराजगंज पुलिस ने 686 करोड़ रुपए की अवैध नशीली दवाओं का भंडारण करने वाले मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. भारत-नेपाल सीमा से सटे जिले के ठूठीबारी थाना क्षेत्र के जमुई कला गांव में ये अवैध नशीली दवाएं बरामद की गयी थीं.

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Published : Aug 17, 2021, 6:13 PM IST

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महराजगंज: गत दिनों बरामद 686 करोड़ की अवैध नशीली दवाओं का भंडारण करने के मुख्य अभियुक्त को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार किए गए अभियुक्त का आपराधिक इतिहास है. इसके खिलाफ आधा दर्जन से अधिक मुकदमे ठूठीबारी थाने में पंजीकृत हैं. ये दवाएं महराजगंज पुलिस ने भारत-नेपाल सीमा से सटे जिले के ठूठीबारी थाना क्षेत्र के जमुई कला गांव में छापा मारकर बरामद की थीं. इन दवाओं की कीमत 686 करोड़ रुपये बतायी गयी थी.

जानकारी देते पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्त
पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्त ने बताया कि 3 अगस्त को थानाध्यक्ष अरुण कुमार दुबे ने जमुई कला गांव में छापेमारी की थी. वहां 686 करोड़ रुपये की अवैध नशीली दवाएं एक मकान से बरामद की गयी थीं. इस दौरान अभियुक्त रमेश कुमार गुप्ता पुत्र भोली प्रसाद गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था. इस अपराध में शामिल दूसरा मुख्य अभियुक्त गोविंद प्रसाद गुप्ता पुत्र भोली प्रसाद गुप्ता फरार चल रहा था. गोविंद की उम्र करीब 48 वर्ष है और वो महाराजगंज पुलिस से छिपकर नेपाल भागने की फिराक में था. यह मरचहवा से बंधा तिराहे की तरफ छिपते हुए पैदल नेपाल जा रहा था.

इस सूचना पर थानाध्यक्ष ठूठीबारी संजय दुबे ने अभियुक्त गोविंद कुमार गुप्ता को बंधा तिराहे के पास से एसओजी टीम की सहायता से घेर लिया और इसके बाद उसको गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने जब कड़ाई से उससे पूछताछ की तो उसने अपने घर में भारी मात्रा में प्रतिबंधित नशीली दवा इंजेक्शन, सिरप, टेबलेट आदि रखने और पुलिस से बचने के लिए नेपाल भागने की बात बतायी.

अभियुक्त ने पुलिस को बताया कि वह अपने घर में भारी मात्रा में प्रतिबंधित नशीली दवाएं इंजेक्शन, सीरप, टेबलेट अच्छे दामों पर बिकने वाली दवाएं, इंजेक्शन के रैपर को छुड़ाकर नया और अधिक दाम का रैपर लगाकर अपने घर व गोदाम पर रखता था और वहीं से उनको बेच देता था. इन नशीली दवाओं और इंजेक्शन की सप्लाई नेपाल में की जाती थी. सभी प्रतिबंधित दवाएं और रैपर उसको सिसवा बाजार की एक मेडिकल एजेंसी से मिलते थे. इसके अलावा गोरखपुर की एक एजेंसी का नाम भी आरोपी ने लिया.

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