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Death of Mother and Child: प्रसूता ने मृत शिशु को दिया जन्म, महिला की भी मौत - महराजगंज प्रसुता की मौत

महराजगंज में जच्चा बच्चा की मौत (Death of mother and child in Maharajganj) होने पर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है. दो लोगों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़े हो गए हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 17, 2023, 10:29 AM IST




महराजगंज: मौत पर किसी का जोर नहीं चलता है. लेकिन जिला अस्पताल में सोमवार को कुछ ही घंटे के अंदर जच्चा-बच्चा की मौत ने सभी को झकझोर कर रख दिया. दोनों की मौत के बाद भी परिजन बिना किसी हंगामे के रोते हुए शव लेकर घर वापस चले गए. लेकिन इस घटना के फ्लैशबैक में जाने के बाद महाराजगंज स्वास्थ्य विभाग के लचर सिस्टम और जिम्मेदारों चिकित्सकों के ऊपर लापरवाही का आरोप लगा है.


बिहार निवासी टुनटुन अपनी पत्नी रुबीना के साथ महराजगंज के परतावल में रह कर चाय की दुकान पर काम करता है. उसके 3 बच्चे पहले से है. परिजनों के मुताबिक गर्भवती रुबीना की तबियत खराब होने पर रविवार की दोपहर में उसके पति ने परतावल सीएचसी में भर्ती कराया था. जहां हालत गंभीर होने पर रुबीना को 18 घंटे बाद सोमवार की सुबह महराजगंज जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. जिला महिला अस्पताल की स्टाफ नर्स ने सुबह 9 बजे रुबीना का सामान्य प्रसव कराया. जिसमें बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ था.

सीएमएस डॉ. एपी भार्गव के मुताबिक शिशु का शव सड़ चुका था. जिसे देख यह अंदाजा लगाया गया कि 3 से 4 दिन पहले ही शिशु की पेट में मौत हो गई थी. परिजन शिशु के शव को लेकर उसे दफन करने चले गए. अपराह्न एक बजे के बाद रुबीना की भी तबियत खराब होने लगी. चिकित्सकों की टीम ने रुबीना को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. इस दौरान उसके मेडिकल कॉलेज ले जाने वाला भी कोई नहीं था. फाइल पर आशा का नंबर देख चिकित्सकों ने उसे फोन किया. काफी समय बाद आशा अस्पताल पहुंची. लेकिन तब तक रुबीना की भी मौत हो चुकी थी. इसके बाद अस्पताल पहुंचे परिजन रुबीना का शव लेकर चले गए.

परतावल सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश द्विवेदी ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक मृतक रुबीना को जिला अस्पताल रेफर किया गया था. जांच के सवाल पर चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि परतावल सीएचसी में अल्ट्रासाउंड मशीन नहीं है. महिला सर्जन डॉक्टर के सीएचसी परिसर में रहने को लेकर उन्होंने बताया कि ओपीडी के बाद वह गोरखपुर चली जाती हैं. वहीं से आती जाती हैं.


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