महराजगंज: आजादी के बाद से देश बदला, प्रदेश बदला, लेकिन नहीं बदली तो महराजगंज बस स्टेशन की सूरत. जी हां, विकास के तमाम दावों के बीच अगर यह बस स्टेशन अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा है तो इसके असली जिम्मेदार वर्तमान और पूर्व की सरकारें हैं.
महराजगंज बस अड्डे की इमारत खंडहर में तब्दील. अगर गौर करें इस बस स्टेशन की तरफ तो यहां न तो बैठने की व्यवस्था है और न ही अन्य सुविधाएं. प्रदेश में विकास का ढिंढोरा पीटने वाली सरकार का भी ध्यान इस बदहाल बस स्टेशन पर कभी नहीं गया.
बस अड्डे की इमारत खंडहर में तब्दील
बस स्टेशन में बनी इमारत भी अब खंडहर में तब्दील हो गई है. यहां बनी इमारत कभी सैकड़ों लोगों के आने-जाने के साधन और केंद्र के रूप में मशहूर हुआ करता थी, लेकिन बदलते दौर में सब कुछ तो बदला, लेकिन इस इमारत की तस्वीर जस की तस रही. जानकारों ने भी बताया कि जिले को बने लगभग 30 साल हो गए. पर न तो वर्तमान सरकार की नजर इधर पड़ी और न ही पिछली सरकारों की.
बस अड्डों को हाईटेक बनाने का दावा फेल
बस स्टेशन में बनी इमारत में न तो बैठने के लिए कुर्सियां हैं और न ही पंखे लगे हैं. जो बिल्डिंग है, उसकी छत से बारिश में पानी टपकता है और चारों तरफ पानी भी भर जाता है, जिसकी वजह से गंदगी का अंबार है. यहां की तस्वीर सरकार के तमाम शहरों के बस अड्डों को हाईटेक करने के दावों के बीच की है. बात करने पर जिम्मेदार इससे पल्ला झाड़ लेते हैं. फिलहाल अभी तक इसके मरम्मत या नए बस स्टेशन को बनने का कोई रास्ता दूर तक नहीं दिखाई दे रहा है.
दो से तीन घंटे तक करना पड़ता है बसों का इंतजार
यात्रियों ने बताया कि गोरखपुर जाने के लिए यहां बसों का दो से तीन घंटे इंतजार करना पड़ता है. देखने पर बस स्टेशन परिसर में जगह तो बहुत है, लेकिन यहां बस यात्री हमेशा परेशान नजर आते हैं. यात्रियों की सरकार से मांग है कि इस बस अड्डे में सुविधाएं बढ़ाई जाएं.
शासन को लगभग 642 लाख का इस्टीमेट बनाकर भेजा गया है. कार्रवाई चल रही है, आशा है जल्द ही प्रस्ताव पास हो जाएगा. डीएम ने भी शासन को पत्र लिखा है.
-भुवनेश्वर सिंह, एआरएम