उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

By

Published : Jun 24, 2020, 2:34 PM IST

ETV Bharat / state

नेपाल में नागरिकता के नए विधेयक के खिलाफ सड़क पर उतरे मधेशी

नेपाल सरकार भारत से विवाह करके लाई जा रही महिलाओं को नागरिकता देने संबंधी विधेयक में संशोधन करना चाह रही है. नेपाल सरकार के इस रुख से तराई में बसने वाले भारतीय मूल के नेपाली नागरिकों ने सरकार का विरोध शुरू कर दिया है.

मधेशियों ने नेपाल में नागरिकता के नए विधेयक के खिलाफ किया प्रदर्शन
मधेशियों ने नेपाल में नागरिकता के नए विधेयक के खिलाफ किया प्रदर्शन

महराजगंज: भारत-नेपाल के बीच सीमा विवाद और भारतीय क्षेत्र को अपने नक्शे में शामिल किए जाने की मंजूरी देने के बाद नेपाल सरकार एक बार फिर भारत विरोधी कदम उठाने की तैयारी में है. नेपाल सरकार भारत से विवाह करके लाई जा रही महिलाओं को नागरिकता देने संबंधी विधेयक में संशोधन के मूड में है. जिसमें भारतीय महिलाओं को शादी के 7 साल बाद ही नागरिकता देने का प्रावधान होगा. जबकि, अब तक नेपाली नागरिकों से शादी करने पर भारतीय मूल की महिलाओं को तुरंत वहां की नागरिकता मिल जाती थी. नेपाल सरकार के नए प्रस्ताव का तराई में बसने वाले भारतीय मूल के नेपाली नागरिक विरोध कर रहे हैं.

मधेशियों ने नेपाल में नागरिकता के नए विधेयक के खिलाफ किया प्रदर्शन

नेपाल सरकार के नए प्रस्ताव के खिलाफ प्रदर्शन

हाल ही में नेपाल ने भारत के उत्तराखंड के लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को संसद में एक प्रस्ताव लाकर अपने नक्शे में शामिल कर लिया. जिससे दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गई. अभी यह मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि नेपाल सरकार भारत से विवाह करके नेपाल जाने वाली भारतीय महिलाओं को नागरिकता देने के कानून में संशोधित कर शादी के 7 साल बाद नागरिकता देने का प्रस्ताव लाने जा रही है. जिससे भारत और नेपाल के बीच सदियों पुराने चल रहे धार्मिक, सांस्कृतिक संबंधों में खासी खटास आ सकती है. नेपाल सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक लाने का रुख भांपकर नेपाल के तराई में बसे भारतीय मूल के नेपाली नागरिक एवं विभिन्न राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधियों में खासा गुस्सा है. वह लोग नेपाल सरकार के इस फैसले को लेकर सड़क से संसद तक आंदोलन के मूड में हैं. जिसके बाद बुधवार को नेपाल के भैरहवा कस्बे में हजारों की संख्या में मधेशियों ने नेपाल सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया.

'इस प्रस्ताव को सदन में लाने नहीं दिया जाएगा'

इस बारे में नेपाल के रूपंदेही जिले के भैरहवा से मधेशी दल के विधायक संतोष पांडे का कहना है कि नेपाल के निर्माण से लेकर अब तक भारत और नेपाल के बीच सदियों पुराना रोटी-बेटी का संबंध है. भारतीय बहुओं को शादी के तुरंत बाद नागरिकता मिल जाती थी, लेकिन नेपाल सरकार संसद में विधेयक लाकर भारतीय महिलाओं को 7 साल बाद नागरिकता देने का प्रस्ताव लाने के मूड में है. इसे किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सड़क से संसद तक वह आंदोलन करेंगे और किसी भी कीमत पर यह प्रस्ताव सदन में लाने नहीं देंगे.

'नेपाल सरकार का यह कदम है आत्मघाती'

नेपाल के विषय में राजनीतिक एवं सामाजिक विषय पर जानकारी रखने वाले भारतीय क्षेत्र के महराजगंज से पूर्व सपा सांसद अखिलेश सिंह का कहना है कि नेपाल और भारत के बीच प्रति वर्ष लाखों की संख्या में शादियां होती हैं. नेपाल सरकार यह कदम जो उठाने जा रही है यह पूरी तरह आत्मघाती है. उन्होंने कहा कि नेपाल सरकार पूरी तरह चीन के हाथों में खेलने का काम कर रही है. नेपाल की पूरी जनसंख्या में कुल 46% प्रतिशत मधेशी समुदाय के लोग रहते हैं. उनकी अनदेखी कर नेपाल प्रगति के रास्ते पर नहीं चल सकता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details