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महराजगंज में तीसरे दिन भी जारी रहा टिड्डियों के झुंड का प्रकोप - महराजगंज ताजा खबर

यूपी के महाराजगंज में तीसरे दिन भी टिड्डियों के झुंड का प्रकोप जारी रहा. टिड्डियों के कारण किसानों की नींद उड़ी हुई है. वहीं प्रशासन के अधिकारी किसानों के साथ टिड्डियों को भगाने जुटे हुए हैं.

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महराजगंज में तीसरे दिन भी जारी रहा टिड्डियों का प्रकोप

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Published : Jun 30, 2020, 4:05 PM IST

महराजगंज: जनपद में तीसरे दिन भी टिड्डियों के झुंड का प्रकोप जारी रहा. इनके प्रकोप से जहां फसल को लेकर किसानों की नींद उड़ी हुई है. वहीं प्रशासन किसानों के साथ टिड्डियों को भगाने में जुटा हुआ है. टिड्डियों के हमले को लेकर चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल बन गया है. लोग थाली बजाकर टिड्डियों को भगाने के प्रयास कर रहे हैं लेकिन ये प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं.

तीन दिन पहले गोरखपुर की सीमा से होकर महराजगंज जनपद में टिड्डियों के एक बड़े दल ने प्रवेश किया था. जिसको लेकर कृषि विभाग ने अलर्ट किया था. पहले दिन टिड्डी पनियरा क्षेत्र में दिखाई दी तो दूसरे दिन फरेंदा ब्लॉक के दर्जनों गांवों में दिखाई दिए, वहीं तीसरे दिन निचलौल और नौतनवा तहसील क्षेत्र में टिड्डियों का आतंक देखने को मिला. वही जिला प्रशासन किसानों के साथ मिलकर दवा का छिड़काव कर रहा है और तेज आवाज करके टिड्डियों को भगाने का प्रयास कर रहा है.

क्या होते हैं टिड्डी
टिड्डी 2 से 3 इंच लंबा कीट और इनको दल में उड़ता देखा जाता है. ये कीट जिस फसल पर बैठ जाता है उस फसल को पूरी तरह बर्बाद कर देते हैं.

बचाव के तरीके
जानकारों का मानना है कि इन टिड्डियों का समूह जब भी आकाश में दिखाई पड़े तब इन्हें तेज आवाज के माध्यम से भगाया जा सकता है. कहते हैं कि कीट होने के कारण आवाज करने से भाग जाता है और आगे की तरफ उड़ जाता है. इसलिए इन्हें पटाखे, थाली, ढोल नगाड़े व ट्रैक्टर के साइलेंसर को निकाल कर तेज आवाज से भगाया जा सकता है. साथ ही खेतों के आस-पास पड़े घास फूस को जलाकर धुंआ करने से भी इन्हें जमीन पर उतरने से रोका जा सकता है..

जिलाधिकारी उज्ज्वल कुमार ने बताया कि सीमावर्ती जितने भी जिले हैं. वहां से टिड्डियों का आक्रमण हो रहा है. जहां भी टिड्डियों के दल को देखा जा रहा है. वहां टीम पूरी तरह से अलर्ट है. अगर टिड्डी उड़ रहे होते हैं तो आवाज करके भगाया जा रहा है. और अगर कही बैठ जाते है तो केमिकल का छिड़काव कराया जा रहा है. ग्रामीणों की मदद से आवाज करके टिड्डियों के दल को भगाया जा रहा है.

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