महराजगंज: जिले के लक्ष्मीपुर क्षेत्र के कोल्हुआ ढाला शिव मंदिर के पास लाॅकडाउन में फंसे फ्रांसीसी परिवार को गांव के लोग भा गये हैं. ये लोग इतने घुल मिल गये हैं कि होटल और गेस्ट हाउस में ठहरने की प्रशासन की पेशकश को भी ठुकरा दिया और कोरोना से निजात के लिए शिव मंदिर में भगवान भोले नाथ की पूजा-अर्चना कर रहे हैं.
जिले के कोल्हुआ उर्फ सिंहोरवा गांव में फ्रांसीसी नागरिकों का घर की तरह प्यार और अतिथि की तरह सत्कार किया जा रहा है. फ्रांस के टूलोज शहर निवासी पैलेरेस इनट्राइज जोसेफ अपनी पत्नी ब्लेनचाई इप पैलेरस, बेटियों ओपैलो, मार्गीमाइड, पैलेरेस लोला जेनफर और बेटे पैलेरेस ट्राममेटिव के साथ वाहन चलाते हुए इस गांव में पहुंचे थे. अचानक लॉकडाउन की घोषणा के कारण यह वापस अपने देश नहीं लौट सके. अब गांव के एक-एक परिवार से फ्रांसीसी नागरिक पूरी तरह से घुल मिल गए हैं.
कई देशों की यात्रा के बाद जब यह परिवार भारत-नेपाल के बॉर्डर स्थित सोनौली पहुंचे तो लॉकडाउन के चलते सीमा सील हो गई, जिसके बाद लक्ष्मीपुर जंगल के किनारे स्थित कोल्हुआ उर्फ सिंहोरवा गांव के एक मंदिर परिसर में इन्होंने शरण ली. पुलिस और प्रशासन ने कई बार प्रयास किया कि इनको नगर में किसी सुरक्षित स्थान पर रुकने की व्यवस्था की जाए. लेकिन फ्रांसीसी नागरिक जाने को तैयार नहीं हुए, जिसके बाद से पूरा गांव इनका परिवार बन गया.
फ्रांस से आईं ब्लेनचाई इप पैलेरस ने बताया कि इतने दिनों में हिन्दी भाषा की काफी जानकारी हो गई है. साथ ही हमारा परिवार भारत सरकार के दिशा निर्देशों का पालन भी कर रहा है. हम यहां के ग्रामीणों के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखते हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना वायरस की जांच कराई गई, जिसमें सभी निगेटिव पाए गए हैं.