महराजगंज: देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में तीन मई तक लॉकडाउन कर दिया गया है. वहीं काम धंधा बंद होने से शहरों में रोजी रोटी की तलाश में गए दैनिक मजदूर दाने-दाने के लिए मोहताज हो गए हैं और भुखमरी से जूझ रहे हैं. मजदूरों के परिजन अपने पति और बेटों को गांव वापस बुलाने के लिए काफी परेशान हैं. इन दैनिक मजदूरों के परिजनों का रो- रोकर बुरा हाल है.
महराजगंज जिले से दिल्ली, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, हैदराबाद, पंजाब सहित अन्य प्रदेशों में रोजी रोटी की तलाश में गए लोगों का काम धंधा बंद हो गया है. इसके कारण वह दाने-दाने के लिए मोहताज हो गए हैं और कुछ लोग भुखमरी से जूझ रहे हैं. वहीं उनके परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है.
खत्म हुई परिजनों की उम्मीद
अन्य प्रदेश में फंसे लोगों के परिजनों को यह उम्मीद थी कि 21 दिन बाद लॉक डाउन समाप्त होते ही उनके पति और पुत्र घर वापस लौट आएंगे, लेकिन एक बार फिर 3 मई तक लॉकडाउन जारी रखने का पीएम मोदी का संदेश सुनकर लोगों की उम्मीद खत्म हो गई है. उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि अन्य प्रदेशों फंसे और भुखमरी से जूझ रहे उनके पति और पुत्र कब और कैसे घर लौटेंगे.