महराजगंज: अफगानिस्तान में लगातार खराब हो रहे हालात से वहां काम करने वाले भारतीयों की वतन वापसी शुरू हो गई है. इसी में शामिल हैं परतावल क्षेत्र के सोनकटिया गांव के रहने वाले चंद्रभान चौधरी. सोमवार रात करीब 10 बजे घर चंद्रभान 'अपनों' के बीच पहुंचकर उनके गले लग गए. उनकी आंखों से खुशी के आंसू निकल आए तो परिजन भी खुशी से चहक उठे.
चंद्रभान चौधरी ने बताया कि अफगानिस्तान में हालात खराब होने के बाद वे सुरक्षाकर्मियों की निगरानी में थे. जिसके चलते उन्हें ज्यादा परेशानी नहीं हुई. 13-14 अगस्त को अचानक पता चला कि तालिबानियों का काबुल पर कब्जा हो गया है. वहां तमाम नागरिक और नेता देश छोड़कर जा रहे हैं. वहां की स्थानीय सेना कुछ नहीं कर रही थी. मन में डर था, लेकिन अमेरिकी सैनिकों के सुरक्षा वाले क्षेत्र में कंपनी की ओर से मिली जिम्मेदारी को पूरा कर रहा था. चंद्रभान वहां एक कंपनी में सुपरवाइजर थे. उनके साथ वहां अन्य 5 कर्मचारी और भी काम करते थे.
अफगानिस्तान से लोगों को सुरक्षित लाने में भारत सरकार की पहल के साथ ही भारतीय वायुसेना का योगदान अहम रहा. सरकार की ओर से समुचित प्रबंध किया गया. इससे वहां से आने में परेशानी थोड़ी कम हुई. परिजनों से भी बातचीत होती रही. चूंकि वहां का माहौल लगातार खराब हो रहा था, इसलिए वतन लौटना ही मुनासिब समझा. सबसे अच्छा अपना ही देश है. उन्होंने बताया कि 5 साल से वहीं की एक कंपनी में काम कर रहे थे.