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महराजगंज में पराली जलाने पर 10 किसान गिरफ्तार, तीन लेखपाल निलंबित

महराजगंज में पराली जलाने वाले किसानों पर डीएम ने सख्त कार्रवाई की है. वहीं, पराली जलाने रोकने में असफल तीन लेखपालों को सस्पेंड कर दिया है. इसके साथ ही कई किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज भी कराई गई है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 14, 2023, 10:17 PM IST

महराजगंज:जिलाधिकारी अनुनय झा ने पराली जलाने की घटनाओं की बढ़ती संख्या को देख सख्त रुख अख्तियार किया है. पराली जलाने के आरोप में 10 किसानों को गिरफ्तार कर मंगलवार को जेल भेजा गया है. इसके अलावा डीएम ने पराली जलाने से रोकने के लिए दिए गए दिशा निर्देश में लापरवाही पर तीन लेखपालों को निलंबित कर दिया है.

28 किसानों पर केस दर्ज, 1 लाख रुपये जुर्माना वसूला
जिलाधिकारी ने सदर तहसील में लेखपाल विपिन कुमार व जनकराज और नौतनवा तहसील में लेखपाल अरविंद यादव को लापरवाही बरतने के कारण निलंबित कर दिया है. निलंबन के उपरांत विभाग में हड़कंप मच गया और लेखपाल अपने-अपने क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए दौड़ पड़े. वहीं, छोटेलाल निवासी गुरतिहा, नियामुद्दीन निवासी एकसाड़वा, बांकेलाल निवासी बरगदवा सहित 10 से अधिक किसानों को पराली जलाते हुए मौके से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. इसके अतिरिक्त जिला प्रशासन द्वारा 28 मामलों में एफआईआर दर्ज कराई गई और एक लाख से अधिक रुपए का जुर्माना वसूल किया गया.

प्रधान की मदद से गौशालाओं में पहुंचाए पराली
जिलाधिकारी अनुनय झा ने कहा कि पराली जलाने के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय का स्पष्ट आदेश है और शासन द्वारा भी इस विषय में समय-समय पर विभिन्न निर्देश निर्गत किए गए हैं. प्रशासन ने पराली को गौशालाओं तक पहुंचाने का प्रबंध भी किया है. बावजूद इसके अनेक लोगों द्वारा पराली जलाकर कानून का स्पष्ट उल्लंघन किया जा रहा है और पर्यावरण को प्रदूषित किया जा रहा है. जिसके कारण जिला प्रशासन को बाध्य होकर कठोर कार्यवाही करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि किसान पराली जलाने के बजाय उसे खेत की मेड़ पर या किसी सार्वजनिक स्थल पर इकट्ठा कर दें. ग्राम प्रधान के माध्यम से परली को गौशालाओं में भिजवा सकते हैं.

फरेंदा तहसील में तैनात एसडीएम ने किसानों के साथ काटी धान की फसल.

खेत में पहुंचकर किसानों के साथ धान काटने लगे एसडीएम
फरेंदा तहसील में तैनात एसडीएम रमेश कुमार किसानों को पराली के प्रति जागरूक करने और उनकी समस्याओं को जानने के लिए झामठ गांव में पहुंचे थे. इसी बीच खेत में लहलहाती धान की फसल फसल को देखकर उनके अंदर का किसान जाग उठा. वह धान की पैदावार का मूल्यांकन करने के लिए खुद हसिया लेकर धान की फसल काटने में जुट गए. उनकी धान काटने की परिपक्व शैली को देखकर वहां मौजूद हर कोई हैरत में पड़ गया. किसानों से बातचीत के दौरान एसडीएम ने बताया कि वह किसान परिवार से आते हैं. एसडीएम ने बताया कि जब फसल तैयार होती है तो रेंडम तौर पर किसानों की फसल का क्रॉफ्ट कटिंग कराया जाता है, जिससे प्रति बीघा धान की पैदावार का मूल्यांकन किया जा सके. एसडीएम ने किसानों से कहा कि अगर वह कोई बात कहें तो आप लोग मानेंगे की नहीं. इस पर सभी किसानों ने हां में जवाब दिया. कहा कि आप लोग पराली ना जलाएं. इस पर किसानों ने कहा कि पराली जलाना नहीं पड़े इसी लिए वह हाथ से धान की फसल काट रहे हैं. आपकी बात का पालन ताजिंदगी करेंगे. कभी भी पराली नहीं जलाएंगे

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