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Old Musical Instruments पर थिरक रही हैं नई जनरेशन की अंगुलियां, जानिए कौन से म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट सीखने का बढ़ा क्रेज

युवाओं में इन दिनों सदियों पुराने वाद्य यंत्रों का आकर्षण (Old Musical Instruments) बढ़ता जा रहा है. तबला वादक शेख मोहम्मद इब्राहिम बताते हैं कि 'इन वाद्य यंत्रों की सीखने के लिए युवा आ रहे हैं.'

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 29, 2023, 7:49 PM IST

Updated : Sep 30, 2023, 12:33 PM IST

Old Musical Instruments पर थिरक रही हैं नई जनरेशन की अंगुलियां. देखें खबर

लखनऊ :एक तरफ जहां सदियों पुराने वाद्य यंत्र (Old Musical Instruments) को संजोया जा रहा है वहीं, दूसरी तरफ युवाओं में इन वाद्य यंत्रों के प्रति आकर्षण बढ़ता जा रहा है. विरासत को सुरक्षित रख आधुनिकता के साथ कदम ताल मिलाकर ही हम अपने गौरवशाली इतिहास को संजो सकते हैं. संगीत का नवाबों के शहर में ऐसा ही एक अनोखा मिश्रण देखने को मिल रहा है.

पुराने वाद्य यंत्रों की ओर आकर्षित हो रहे युवा

युवाओं की लगातार बढ़ रही है दिलचस्पी :पुराने व दुर्लभ वाद्य यंत्रों के संरक्षण का काम करने वाले तबला वादक शेख मोहम्मद इब्राहिम बताते हैं कि 'बीते कुछ समय में चमेली, दुक्कड़, राम मंडली, हुड़का, पैडल हारमोनियम, नक्कारा, क्लेरियोनेट जैसे वाद्य यंत्रों के प्रति लोगों का झुकाव हुआ है. इन सभी वाद्य यंत्रों को सीखने के लिए आज युवा आ रहे हैं, इसी को देखते हुए मैं खुद ही समय-समय पर इन वाद्य यंत्रों को कैसे बजाया जाता है इसका वर्कशॉप कर रहा हूं. उन्होंने बताया कि आज से पहले युवाओं को इन वाद्य यंत्रों के नाम तक ही नहीं पता थे, लेकिन अब वर्कशॉप में युवा लड़के तो आते ही साथ में युवतियां भी इसमें आ रही हैं. वो इसके बारे में जानकारी लेते हैं साथ ही साथ सीखते भी हैं. हर साल लखनऊ समेत आस-पास के जिलों जैसे कानपुर, उन्नाव, सीतापुर, बनारस, गोरखपुर समेत कई जगहों पर वर्कशॉप आयोजित करते हैं. हर वर्कशॉप में करीब 25 से 30 नए युवा शामिल होते हैं. कई तो सीखने के बाद मेरे साथ प्रस्तुतियां भी देते हैं.'

पुराने वाद्य यंत्रों की ओर आकर्षित हो रहे युवा

साल 2008 में शुरू किया पुराने वाद्य यंत्रों पर काम :शेख मोहम्मद इब्राहिम ने बताया कि 'साल 2008 में मैंने पुराने वाद्य यंत्रों पर काम करना शुरू किया था. शुरुआत में इन वाद्य यंत्रों को सीखने के लिए ग्रामीण क्षेत्र से लोग काफी आते थे. शुरुआत में बहुत ही कम लोग आते थे, लोगों को इसकी जानकारी ही नहीं थी. फिर धीरे-धीरे लोगों को पता चला तो आना शुरू हुए. उन्होंने बताया कि जब स्टेज पर जब इन वाद्ययंत्रों के साथ प्रस्तुति देता था तो उसके बाद लोग आकर पूछते थे यह कौन सा वाद्य यंत्र है. इसके बाद लोगों में जिज्ञासा बढ़ी तो वह सीखने आने लगे. अब तक करीब 60 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित कर चुका हूं. इसमें से दस से बारह ऐसे कलाकार हैं जिन्होंने इसको अपना लिया है.'

सदियों पुराने वाद्य यंत्र

काफी यूनिक हैं पुराने वाद्य यंत्र :उन्होंने बताया कि 'हमारे पुराने वाद्य यंत्र सबसे यूनिक हैं, आज हम कितने भी ऑटो पैड इस्तेमाल करें, लेकिन जब नक्कारा, हारमोनियम, राम कुंडली, चमेली आदि बजते हैं तो उनकी धुनें खुद ब खुद लोगों को आकर्षित करने लगती हैं. साउंड की जो मिठास व असर है वो नए वाद्य यंत्रों में नहीं आती है. रोजगार के रूप में अगर देखें तो इसके लिए हमें आधुनिकता के साथ इसको जोड़ना होगा. अगर हम इसको वक्त के हिसाब से ढालेंगे तो यह चलता जाएगा और अगर पुराने ही पैटर्न पर रहेंगे तो यह रुक जाएगा. इसका अट्रैक्शन बना रहे तभी इसका भविष्य सुरक्षित रहेगा.'

वाद्य यंत्रों के साथ तबला वादक शेख मोहम्मद इब्राहिम
म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट सीखने का बढ़ा क्रेज



यह है दुर्लभ वाद्य यंत्र

चमेली :यह अवध का दुर्लभ वाद्य यंत्र है, आजादी के समय इसको बजाकर देशभक्ति गीत गाए जाते थे. यह मिट्टी का बना होता है. जिस पर खाल मढ़कर बनाया जाता है.

दुक्कड़ : यह एक ताल वाद्य यंत्र है, यह नक्कारे का छोटा स्वरूप होता है. नक्कारे को लकड़ी की छड़ से बजाते हैं जबकि दुक्कड़ को हाथ की अंगुलियों से बजाते हैं. इसको उस्ताद बिस्मिल्लाह खां ने अपनी पूरी उम्र संगत में इस्तेमाल किया है.

राम कुंडली : यह भी अवध और बुंदेलखंड का बहुत पुराना वाद्ययंत्र है. इसको सपेरा बीन बजाने वाले अपने साथ संगत के रूप में इस्तेमाल करते हैं.

हुड़का : यह डमरू के आकार का होता है, लेकिन इसको गले में डालकर या फिर बगल में दबाकर बजाते हैं. यह डोरियों से कसा होता है इसलिए इसमें कई तरह की धुनें निकलती हैं.

पैडल हारमोनियम : यह नौटंकी का सबसे महत्वपूर्ण वाद्य यंत्र है. नक्कारा और पैडल हारमोनियम के बिना नौटंकी की कल्पना नहीं की जा सकती. बीते कुछ दशकों में जैसे-जैसे नौटंकी का चलन बंद हुआ. वैसे-वैसे यह वाद्ययंत्र भी विलुप्त होने लगे.

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Last Updated : Sep 30, 2023, 12:33 PM IST

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