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कांग्रेस का 'यंग इंडिया के बोल' तैयार करेगा बेरोजगारों का रजिस्टर - एनआरयू

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने 'यंग इंडिया के बोल' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का लक्ष्य है कि युवा वक्ताओं की तलाश के साथ ही पूरे प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के लिए रजिस्टर बनाना है. ताकि बेरोजगार युवाओं पर सरकार ध्यान दे.

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'यंग इंडिया के बोल' कार्यक्रम का आयोजन किया गया

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Published : Feb 19, 2020, 4:44 AM IST

लखनऊ:युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में बेरोजगार युवाओं का रजिस्टर तैयार करने जा रहे हैं. मंगलवार को अखिल भारतीय युवा कांग्रेस की ओर से लखनऊ में 'यंग इंडिया के बोल' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का मकसद युवा वक्ताओं की तलाश के साथ ही पूरे उत्तर प्रदेश में बेरोजगार युवाओं के लिए एक रजिस्टर बनाना भी है. ताकि बेरोजगार युवाओं की समस्या पर फोकस करने के लिए सरकार को बाध्य किया जा सके.

मामले की जानकारी देते हुए संवाददाता


यंग इंडिया के बोल कार्यक्रम का आयोजन
अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी मनीष चौधरी, 'यंग इंडिया के बोल' कार्यक्रम के कोऑर्डिनेटर सुवेग राठी ने लखनऊ स्थित युवा कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में बेरोजगार युवाओं के लिए रजिस्टर और यंग इंडिया के बोल कार्यक्रम का औपचारिक एलान किया.

कार्यक्रम से युवा वक्ता की होगी तलाश

मनीष चौधरी ने बताया कि 'यंग इंडिया के बोल' कार्यक्रम का शुभारंभ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 28 जनवरी को राजस्थान में किया है. 1 महीने के इस कार्यक्रम के दौरान युवा कांग्रेस कार्यकर्ता हर जिले में जाकर पांच-पांच युवा वक्ताओं की तलाश करेंगे जो देश की राजनीति सामाजिक समस्याएं और युवाओं की समस्याओं पर अपनी बात कहने में समर्थ हैं. जिला स्तर के बाद ऐसे ही युवाओं की तलाश हर प्रदेश से की जाएगी और बाद में सबको राष्ट्रीय स्तर पर 23 मार्च को दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम में अपनी बात कहने का मौका दिया जाएगा.

एनआरयू से पता चलेगा कितना युवा है बेरोजगार

कार्यक्रम के कोऑर्डिनेटर सुवेग राठी ने बताया कि इस आयोजन के साथ ही युवाओं के लिए एनआरयू यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ अनइंप्लॉयड तैयार कराया जा रहा है जिसमें मिस कॉल के जरिए युवा अपनी बेरोजगारी का डाटा दर्ज कराएंगे. एनआरयू से मिलने वाले डाटा को राष्ट्रीय स्तर पर तैयार कर सार्वजनिक किया जाएगा और केंद्र व राज्य सरकारों को युवाओं की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी पर काम करने के लिए मजबूर किया जाएगा.

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