लखनऊः यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में अगर आपको प्रत्याशियों के बारे में जानकारी चाहिए, मतदाता पर्ची चाहिए या फिर पोलिंग बूथ की जानकारी चाहिए, तो फिर इन सबके लिए आपको भटकने की जरूरत नहीं है. ये सारी जानकारियां आपको अब एक क्लिक पर मिलेंगी. असल में कोरोना संक्रमण और मौजूदा हालातों को देखते हुए चुनाव आयोग ने कई बदलाव किये हैं. स्वीप कार्यक्रम की ब्रांड एंबेस्डर स्क्वार्ड्रन लीडर तुलिका रानी से बताया कि इस बार आयोग ने मतदाताओं की सहूलियत के लिए कई एप जारी किये हैं. इनको लेकर लखनऊ के लोगों को जागरूक किया जा रहा है. ये सभी एप गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद हैं.
UP Assembly Election: एक क्लिक पर मिलेगी नेता जी की कुंडली, इस एप से घर बैठे कर सकते हैं आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत.. - एप गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद
आपको अगर विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी के बारे में जानकारी चाहिए, मतदाता पर्ची चाहिए या फिर पोलिंग बूथ की जानकारी चाहिए, तो इन सभी के लिए अब आपको भटकने की जरूरत नहीं है. ये सारी जानकारी आपको एक क्लिक पर मिलेंगी.
KNOW YOUR CANDIDATE: इस एप की मदद से आप अपने क्षेत्र के प्रत्याशी के बारे में जारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. प्रत्याशी के राजनीति बैकग्राउंड से लेकर उसकी शैक्षिक योग्यता समेत सभी अन्य जानकारियां इसमें उपलब्ध होंगी.
VOTER HELPLINE: इस एप की मदद से घर बैठे मतदाता पर्ची निकाली जा सकती है. इसके अलावा मतदाता से जुड़ी कई जानकारियां और सुविधाएं यहां उपलब्ध कराई गई हैं.
PWD APP: दिव्यांगजनों को सुविधा प्रदान करने के लिए चुनाव आयोग ने यह एप तैयार किया है. इसके इस्तेमाल से एक क्लिक करके दिव्यांग खुद को मतदाता के रूप में पंजीकरण कराने का अनुरोध कर सकते हैं. अनुरोध मिलने पर निर्वाचन आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि बूथ लेवल अधिकारी उनके द्वार तक पहुंचे.
VOTER TOURNOUT: आयोग ने मतदान के दौरान अनुमानित मतदान टर्नआउट के बारे में ताजा अपडेट देने के लिए इसकी शुरुआत की है. यह एप रिटर्निंग ऑफिसर की तरफ से जारी किए गए डाटा के बारे में ताजा जानकारी देता है.
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CVIGIL: चुनाव आयोग ने चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित शिकायतों को दर्ज कराने के लिए इस एप की शुरुआत की है. इसके माध्यम से नागरिक चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन से लेकर व्यय के उल्लंघन की रिपोर्ट तक कर सकते हैं. नागरिक शिकायत लिखते हुए दो मिनट का एक वीडियो या एक फोटो खींचकर अपने बात को चुनाव आयोग तक पहुंचा सकता है. शिकायत के साथ संलग्न जीआईएस सूचना स्वतः संबंधित जिला नियंत्रण कक्ष तक पहुंच जाती है. जिसके फलस्वरूप उड़नदस्ता कुछ ही मिनटों में घटना स्थल पर भेजा जा सकता है.