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सिख गुरुओं का इतिहास बनेगा पाठ्यक्रम का हिस्सा: योगी

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Published : Jan 21, 2021, 12:58 AM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शांतिकाल में सिख गुरुओं ने शास्त्रों के अध्ययन, भजन, कीर्तन आदि के माध्यम से मानवता की सेवा का मार्ग प्रशस्त किया था. जब भी धर्म और राष्ट्र पर संकट आया तो सिख गुरुओं ने बलिदान देने में संकोच नहीं किया. देश और धर्म की रक्षा के लिए सिख धर्मगुरुओं के बलिदान का हमेशा सम्मान किया जाना चाहिए.

गुरुद्वारा यहियागंज में माथा टेका सीएम योगी आदित्यनाथ.
गुरुद्वारा यहियागंज में माथा टेका सीएम योगी आदित्यनाथ.

लखनऊःमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10वें सिख गुरु गोविन्द सिंह के प्रकाशोत्सव पर बुधवार को गुरुद्वारा यहियागंज में माथा टेका. इस दौरान उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं के इतिहास को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा. इससे लोग इस महान इतिहास से प्रेरणा ले सकेंगे. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म और राष्ट्र रक्षा के लिए सिख गुरुओं के बलिदान के प्रति हमें कृतज्ञ रहना चाहिए. धर्म की रक्षा के लिए गुरु गोविन्द सिंह ने चारों पुत्रों का बलिदान दिया. उनके इस बलिदान को सदैव याद रखा जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि शांतिकाल में सिख गुरुओं ने शास्त्रों के अध्ययन, भजन, कीर्तन आदि के माध्यम से मानवता की सेवा का मार्ग प्रशस्त किया था. जब भी धर्म और राष्ट्र पर संकट आया तो सिख गुरुओं ने बलिदान देने में संकोच नहीं किया. देश और धर्म की रक्षा के लिए सिख धर्मगुरुओं के बलिदान का हमेशा सम्मान किया जाना चाहिए. यह अत्यन्त प्रेरणादायी है.

मनाया गया था साहिबजादा दिवस
मुख्यमंत्री ने कहा कि 27 दिसम्बर 2020 को मुख्यमंत्री आवास पर गुरु गोविन्द सिंह महाराज के चार साहिबज़ादों और माता गुज़री की शहादत को समर्पित साहिबज़ादा दिवस मनाया गया था. इस अवसर पर आयोजित गुरुबाणी कीर्तन कार्यक्रम में वह भी सम्मिलित हुए थे.

सिख धर्मगुरुओं के लिए पहले नहीं होते थे कार्यक्रम
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख धर्मगुरुओं के बलिदान को सम्मान देने के लिए पहले कार्यक्रम नहीं होते थे. अब सिख धर्मगुरुओं के बलिदान को सम्मान देने की शुरुआत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि सिख धर्मगुरुओं के बलिदान से वे स्वयं भी प्रेरणा प्राप्त करते हैं. इसीलिए वर्ष 2017 में इस गुरुद्वारे में दर्शन करने आए थे.

सिख गुरुओं ने समाज की रक्षा की
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुबाणी कीर्तन हम सबको देश और धर्म के प्रति अपने कर्तव्यों के निर्वहन की प्रेरणा देता है. इतिहास को विस्मृत करके कोई भी समाज आगे नहीं बढ़ सकता है. सिख इतिहास पढ़ने पर पता चलता है कि विदेशी आक्रान्ताओं ने जब भारत के धर्म और संस्कृति को नष्ट करने, भारत के वैभव को पूरी तरह समाप्त करने की कोशिश की तो गुरु नानक ने भक्ति के माध्यम से अभियान प्रारम्भ किया और कीर्तन उसका आधार बना.

गुरुनानक से पीढ़ियों ने ली प्रेरणा
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु नानक देव से आने वाली पीढ़ियों ने प्रेरणा ली। भक्ति, शक्ति, पुरुषार्थ और परिश्रम में प्रत्येक सिख अग्रणी रहता है. सिख समाज अपने पुरुषार्थ और परिश्रम के लिए जाना जाता ह. सिख समाज की प्रगति और सफलता में गुरु कृपा का भी योगदान है. सिख समाज की गुरु-शिष्य परम्परा सिखों सहित सभी भारतीयों के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है. सिख परम्परा के लिए प्रत्येक भारतीय सम्मान रखता है.

गुरुतेग बहादुर के प्रकाश पर्व की तैयारी हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि मई में गुरु तेग बहादुर का 400वां प्रकाश पर्व होगा. इसकी तैयारी अभी से की जाएं. सरकार इसमें हर सम्भव मदद करेगी. सरकार गुरु तेग बहादुर सिंह के सम्मान में एक तिराहे का निर्माण कराएगी. उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर सिंह के बलिदान के कारण ही आज कश्मीर भारत का हिस्सा है.

ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर यूपी के उप मुख्यमंत्री डाॅ. दिनेश शर्मा, नगर विकास मंत्री आशुतोष टण्डन, विधि एवं न्याय मंत्री बृजेश पाठक, लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया, गुरुद्वारा कमेटी के प्रबन्धक गुरमीत सिंह, ज्ञानी परम सिंह, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एमएसएमई नवनीत सहगल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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