सरकारी नौकरियों में माया-अखिलेश से आगे योगी, 2022 की है तैयारी - बसपा शासन में सरकारी नौकरियां
सरकारी नौकरी देने के मामले में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछली दोनों सरकारों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. सपा-बसपा की सरकार के 10 साल में जितनी नौकरियां दी गई थीं, उससे कहीं ज्यादा नौकरियां प्रदेश के युवाओं को योगी आदित्यनाथ सरकार में साढ़े तीन साल में ही मिल गई हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 2022 के विधानसभा चुनाव में जाने से पहले प्रदेश के पांच लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी देना चाह रहे हैं.
साढ़े तीन साल में जितनी नौकरियां मिलीं उतनी 10 सालों में भी नहीं मिली.
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Published : Jan 1, 2021, 9:25 PM IST
लखनऊ:देश के सबसे बड़े सूबे की सत्ता का सफर इस बार रोजगार के सहारे तय किए जाने की कवायद चल रही है. 22 करोड़ की आबादी वाले बीमारू प्रदेश में युवाओं की बड़ी फौज है, जिनकी सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है. इस वक्त सबसे बड़ा वोट बैंक भी यही वर्ग है, जिसे साधने की कोशिश योगी बखूबी कर रहे हैं. अपने 4 साल से कम के कार्यकाल में साढ़े 3 लाख सरकारी नौकरियों का तोहफा दे भी चुके हैं. सरकारी नौकरी देने में अखिलेश यादव की सरकार ने भी कंजूसी नहीं की थी. मगर 20 करोड़ की आबादी में महज 2 लाख सरकारी नौकरी जरूरत के सामने कम पड़ गई. यह आंकड़ा 2017 में काफी बड़ा दिखा था, क्योंकि बहन मायावती के शासनकाल में महज 91 हजार लोगों को सरकारी नौकरी नसीब हुई थी.
साढ़े तीन साल में जितनी नौकरियां मिलीं उतनी 10 सालों में भी नहीं मिली.
पुलिस और बेसिक शिक्षा विभाग में मिली सबसे ज्यादा नौकरी
केसरिया बाना पहनने वाले मुख्यमंत्री के शासन में सबसे अधिक भरती खाकी वाले डिपार्टमेंट यानी पुलिस विभाग में हुई. इसमें 1लाख 37 हजार 253 लोगों को सेवा का मौका मिला. बेसिक शिक्षा विभाग 1 लाख 21 हजार लोगों को रोजी-रोटी देकर दूसरे पायदान पर रहा. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 28 हजार 622 को नौकरी मिली. यूपी लोक सेवा आयोग ने 26 हजार 103 और उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड के जरिये 16 हजार 708 प्रदेशवासियों को भी सरकारी सेवा का मौका मिला. योगी सरकार का आखिरी बजट चुनावी बजट होगा. इसमें भी नौकरियों की घोषणाओं की उम्मीद है. जल्द ही बेसिक शिक्षा विभाग में 54 हजार सहायक अध्यापकों के रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
योगी के साढ़े तीन सालों में सरकारी नौकरियों की आई बहार.
सपा ने दो लाख तो बसपा ने एक लाख से भी कम दी नौकरी
सरकार से मिली जानकारी के मुताबिक, योगी सरकार ने जितनी नौकरियां अपने साढ़े तीन साल में दी हैं, उतनी नौकरियां पिछली सपा-बसपा सरकारों के दोनों कार्यकाल में मिलाकर भी नहीं मिल सकी हैं. साल 2007 से 2012 के बीच बसपा सरकार में केवल 91 हजार सरकारी नौकरियां दी गई थीं. वहीं 2012 से लेकर 2017 के बीच समाजवादी पार्टी की अखिलेश सरकार ने करीब दो लाख सरकारी नौकरियां ही युवाओं को मिल सकीं.
अखिलेश सरकार ने 2 लाख सरकारी नौकरियां दीं.
चुनाव से पहले पांच लाख सरकारी नौकरियों का लक्ष्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गत सितंबर में रिक्त पदों पर भर्तियां तेज करने के निर्देश दिए थे. उसी क्रम में सभी विभागों से रिक्त पदों का ब्यौरा मांगा गया था. इसमें सबसे अधिक भर्तियां बेसिक शिक्षा विभाग में होनी हैं. बेसिक शिक्षा विभाग ने 50 हजार से अधिक रिक्त पदों का ब्यौरा शासन को सौंपा है. सरकार जल्द ही इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने वाली है. इसके अलावा करीब 10-15 हजार अन्य सरकारी नौकरियों पर भी भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी. शासन के स्तर पर इसकी भी तैयारी तेज कर दी गयी है. सरकार का लक्ष्य है 2022 के विधानसभा चुनाव में जाने से पहले पांच लाख से अधिक सरकारी नौकरियां देने का है.
बसपा शासन में 1 लाख सरकारी नौकरियां भी नहीं आईं.
2021 में जनगणना होनी है. उत्तर प्रदेश की आबादी अब 22 करोड़ के पार ही जाएगी. साल दर साल युवाओं की फौज बढ़ेगी. नौकरी की कतार में इंतजार करने वाले युवा तो सरकार से यही कहेंगे, थोड़ा है और ज्यादा की जरूरत है. इसलिए सरकार नौकरी के अवसर तलाशिए और रोजगार दीजिए.
किस विभाग में कितनी मिली नौकरियां
बेसिक शिक्षा
1,21,000
यूपीपीसीएल
6446
पुलिस विभाग
1,37,253
उच्च शिक्षा
4615
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन
28622
सहकारिता विभाग
726
यूपी लोक सेवा आयोग
26103
चिकित्सा शिक्षा विभाग
1112
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड
16708
नगर विकास
700
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग
8556
वित्त विभाग
614
माध्यमिक शिक्षा विभाग
1400
तकनीकी शिक्षा विभाग
365
हर हाथ को रोजगार देने का हमारी सरकार का लक्ष्य है. इसी के तहत अब तक करीब चार लाख नौकरियां दी गई हैं. इसके अलावा एमएसएमई विभाग के तहत 31 हजार करोड़ रुपये प्रदेश की छोटी-छोटी इकाइयों को लोन देकर भी रोजगार का सृजन किया गया है.